मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने विवादित बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा, 'मैंने जो कहा है, उनकी आत्मा मर चुकी है. वे केवल जीवित हैं, यह एक सच्चाई है. मेरे भाषण का गलत अर्थ निकाला गया. जिंदा लाश मराठी में एक शब्द है.'
संजय राउत 'जिंदा लाश' बयान पर सफाई देते हुए कहा, 'जो लोग 40-40 साल तक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं, उनका जमीर मर गया है, तो उसके बाद क्या बचता है ? यह राम मनोहर लोहिया साहब के शब्द हैं. मैंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया, मैने सत्या कहा है.'
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'मैंने गुलाबराव पाटिल के ट्वीट को वायरल कर दिया है.' यह बहुत महत्वपूर्ण है. उसमें वे तुम्हारे पिता को बदल रहे हैं. वह भाषा उनकी है. वे पार्टियों में खाते-पीते हैं और फिर अपने पिता को बदल लेते हैं. दीपक केसरकर हमारे करीब थे. उदय सामंत हमारे करीब थे.
गुवाहाटी गए सभी लोग हमारे करीब हैं. संजय राउत ने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे भी हमारे करीब हैं. यह कानून की लड़ाई है. सड़क पर लड़ाई और कानून की लड़ाई दोनों तरफ जारी रहेगी. शरद पवार ने कल भी कहा था कि आपके पास केवल 50 विधायकों का समर्थन है, तो आप क्यों रुके? भारतीय पार्टी को गुलाम बनाकर सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.
लेकिन आपको टहलने की आवश्यकता क्यों है? महाराष्ट्र में घाटियां, पहाड़ और हरियाली भी है. आप महबूबा मुक्ति के साथ संबंध रखने वाले लोगों के साथ संबंध कैसे बना सकते हैं. संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर तंज कसा है. उदय सामंत का जाना कोई सदमा नहीं है.
ये भी पढ़ें- एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे से की बातचीत
गुलाबराव पाटिल ने मुझसे पहले बदलते पिता की भाषा का इस्तेमाल किया. महाराष्ट्र के वियोग ने मेरे भाषण की गलत व्याख्या की. एकनाथ शिंदे आज भी हमारे करीब हैं. आज कानूनी लड़ाई है. सड़कों पर भी लड़ाई जारी रहेगी. उदय सामंत का जाना कोई सदमा नहीं है.