भोपाल : मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज ने अब हार्ड हिंदुत्व की राह पर चलना शुरु कर दिया हैं. अभी तक मामा की छवि सर्वधर्म समभाव वाली रही है, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की जीत के बाद प्रदेश के मुखिया भी राम की राह पर चल पड़े हैं. शिवराज सिंह ने सभी मंत्रियों से त्यौहारों को देखते हुए निर्देशित किया है, होली मिलन समारोह मनाएं और जनता के बीच रंगपंचमी तक अबीर-गुलाल के साथ होली खेलें. इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश जाएगा और आप की जमीनी पकड़ और मजबूत होगी.
हिन्दू वोट बैंक के सहारे बीजेपी बढ़ाएगी वोट शेयर: प्रदेश सरकार भी बीजेपी के वोटिंग अभियान को 42 से 52 फीसदी लाने के लिए मैदान में है. उसका फोकस हिंदुत्व के ऐजेंडे को आगे बढ़ाना है. जानकारों की मानें तो बीजेपी ने वोटिंग परसेंट को बढ़ाने की रणनीति में तय किया है, कि हिंदू वोटर्स को अपने तरफ कर लिया जाए तो आसानी से 52 प्रतिशत वोट बैंक पूरा हो सकेगा. साथ ही आने वाले सालों में बीजेपी को सत्ता का सुख मिलता रहेगा. अब बीजेपी सहित शिवराज के एजेंडा में हिंदू वोटर्स हैं.
2023 के मिशन को लेकर बनाई रणनीति: यूपी में बीजेपी को हार्ड हिंदुत्व का कार्ड फायदा का सौदा साबित हुआ, जिसने कमर तोड़ मंहगाई के साथ साथ पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को बेअसर कर दिया. इसी तर्ज पर अब शिवराज सरकार भी चल पड़ी हैं, आदिवासियों वोट बैंक को साधने की कवायद हम देख रहे हैं. ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा, सामान्य वर्ग के लिए आयोग और उन्हें साधने के लिये विशेष योजना पर फोकस. संघ के एजेंडे के मुताबिक हिन्दू वोट को फोकस करना है और इस वोट बैंक को साध लिया तो बीजेपी को 2023 का मिशन पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. हालांकि पार्टी अन्दर की रणनीति का खुलासा नहीं करना चाहती, उसका मानना है कि बीजेपी सर्व धर्म समभाव की नीति पर काम करती है. पार्टी सबका साथ सबका विकास की सोच के साथ आगे आयी है, कांग्रेस की ये मंशा गलत है कि शिवराज हार्ड हिंदुत्व की राह पर चल रहे हैं.
जनता ने कांग्रेस को नकारा, मुखर हुई बीजेपी: चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस का सफाया हुआ है, उसको देखते हुए बीजेपी अब और मुखर होकर हिंदुत्व की बात करने लगी है. हालांकि मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा तो शिवराज सिंह के एजेंडे से हटकर खुले तौर पर संघ के हिंदुत्व की राह को बढ़ाने में आगे रहे हैं. अब कांग्रेस को भी लग रहा है कि वो मुस्लिम वोट बैंक के सहारे सत्ता में काबिज नहीं हो सकती. लिहाजा कांग्रेस भी हिन्दू वोट बैंक के लिए मंदिर मंदिर गई, लेकिन उसका ये मंत्र नही चला. हालांकि कांग्रेस बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व की राह को भ्रमित करने वाला बता रही है.