भोपाल.मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने लव जेहाद और गरबा पंडाल को लेकर विवादित बयान दिया है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि उषा ठाकुर ने कोई विवादित बयान दिया हो, इससे पहले भी वे कई बात अपने बयानों को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं. इस बार उन्होने गरबा पंडाल को लव जेहाद फैलने का माध्यम बताया है. ठाकुर इसके पहले मदरसों में आंतकवादी तैयार किए जाते हैं जैसे विवादित बयान भी दे चुकी हैं.
मंत्री उषा ठाकुर का बड़ा बयान गरबा पंडाल लव जेहाद का माध्यम:त्योहारों का मौसम चल रहा है. जल्द ही नवरात्र की तैयारियां भी शुरु होंगी. उसके ठीक पहले संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का गरबा पंडाल को लेकर दिया एक बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि गरबा पंडाल लव जेहाद का माध्यम बनते रहे हैं, लिहाजा अब जरुरी है कि इन पंडालों में आईडेंटिटी कार्ड के जरिए ही नौजवान युवक युवतियों को एंट्री दी जाए.
गरबे में जाने वालों को पिलाएं पंचगव्य: हिंदूवादी संगठन गरबा पंडालों का बहुत पहले से विरोध करते रहे हैं. संगठनों का आरोप रहा है कि इस तरह के आयोजन भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिए खतरा हैं. ये आयोजन लड़के लड़कियों का मीटिंग पॉइंट बन चुके हैं. इसके विरोध में हिंदुवादी संगठनों ने पंडालों के बाहर प्रदर्शन भी किया था. लेकिन ,अब मध्यप्रदेश सरकार की संस्कृति मंत्री ने भी गरबा पंडालों पर सवाल उठा दिए हैं.
Usha Thakur on Garba संस्कृति मंत्री का बड़ा बयान, अब गरबा-पंडाल में बिना आइडेंटिटी के नहीं मिलेगी एंट्री
हिंदुवादी संगठन एक कदम आगे: गरबा पंडालों पर आए संस्कृति मंत्री के बयान सेजिससे हिंदुवादी संगठन भी एक्शन में आ गए हैं. वे एक कदम और आगे बढ़ा चुके हैं. इधर उषा ठाकुर का बयान आया और उधर हिंदू संगठनों ने आइडेंटिटी कार्ड के साथ गरबे में प्रवेश की निर्देशिका तैयार करने में जुट गए. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने मांग की है कि 'गरबा पंडाल के बाहर आईडी कार्ड तो देखे ही जाएं, साथ गरबा पंडालों में आने वालों कों पंचगव्य यानि गाय का गोबर गौ मूत्र गाय दूध दही घी का भी पान कराया जाए. इसके बाद ही उन्हें पंडाल में प्रवेश करने दिए जाए.
मदरसों में पनपते है आतंकवादी: ऐसा पहली बार नहीं है कि गरबा पंडालों के लेकर ही उषा ठाकुर ने कोई विवादित बयान दिया हो. उनके ऐसे बयानों की फेहरिस्त काफी लंबी है. साल 2020 में उपचुनाव के दौरान मंत्री उषा ठाकुर ने मदरसों को लेकर भी विवादित बयान दिया था. उन्होने कहा था धार्मिक शिक्षा कट्टरता बढ़ाती है और मदरसों में आतंकवादी पनपते हैं. मत्री उषा ठाकुर ने भी कहा था कि राष्ट्रहित में ये जरुरी है कि ये मदरसे बंद होना चाहिए.
ताबीज और यज्ञ को बता चुकीं कोरोना का इलाज:इसके पहले कोरोना संक्रमण के समय भी मंत्री उषा ठाकुर का बयान सुर्खियों में रहा था. इस दौरान उन्होने कहा था कि तीन दिन तक नियमित रुप से हवन करें और आहूतियां डालें. जिससे पर्यावरण शुध्द होगा और किसी तरह की बीमारी नहीं आएगी. इसके बाद उषा ठाकुर ने टंट्या मामा के ताबीज़ को कोरोना का इलाज बता दिया था.