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सपा के तलाक को राजभर ने किया कबूल, शिवपाल बोले, सदैव स्वतंत्र था

समाजवादी पार्टी की ओर से गठबंधन से निकाले जाने के बाद सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर सपा ने उन्हें तलाक दिया है, जिसे वह कबूल करते हैं. अपने बयान में उन्होंने नए गठबंधन के संकेत भी दिए हैं. इसके अलावा शिवपाल यादव ने भी सपा के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि भले ही सपा उन्हें अभी स्वतंत्र कर रही है, वह पहले से ही स्वतंत्र हैं.

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शिवपाल बोले, सदैव स्वतंत्र था

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Published : Jul 23, 2022, 5:38 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने शनिवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) को गठबंधन से अलग करने का ऐलान कर दिया. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव से भी रिश्ता तोड़ने की घोषणा की. राष्ट्रपति चुनाव के वोटिंग से पहले ही राजभर और शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से दूरी से संकेत दे दिए थे. हालांकि सपा की घोषणा के बाद सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है.

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उन्होंने यानी समाजवादी पार्टी ने हमें तलाक दे दिया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है. अगला कदम बसपा है. राजभर ने सपा सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलता हूं तो यह उनके लिए बुरा होता है, लेकिन अखिलेश यादव सीएम से मिलते हैं तो अच्छा है. अपने बयान में उन्होंने 2024 में नया गठबंधन बनाने का भी संकेत दिया. सुभासपा प्रमुख ने कहा कि 2024 तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ते हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे.

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर.

उधर, शिवपाल यादव ने ट्वीट कर बताया कि मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद. राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार है.

बता दें कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के साथ गठबंधन किया था. सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. मगर चुनाव परिणाम आने के कुछ महीनों बाद ही सुभासपा और सपा के रिश्तों में दरार आ गई. राजभर कई मौकों पर बीजेपी नेताओं के साथ दिखे. राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने खुले तौर से एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मूर्मू का समर्थन किया, जबकि सपा ने यशवंत सिन्हा को समर्थन दिया था.

राष्ट्रपति चुनाव के बाद ओम प्रकाश राजभर को वाई (Y) श्रेणी की सुरक्षा मिल गई . हालांकि प्रदेश सरकार ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया मगर सियासी गलियारों में इसे सपा गठबंधन से बगावत का इनाम माना गया. इसके लिए समाजवादी पार्टी ने राजभर की आलोचना की थी. सपा नेता उदयवीर सिंह ने राजभर पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर सुभासपा और बीजेपी में एक्सचेंज होना था तो समाजवादी पार्टी पर इतने आरोप-प्रत्यारोप करने की क्या जरूरत थी.

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