महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले पर असंतुष्ट शिवसेना (यूटीबी), जानिए किस नेता ने क्या कहा - शिवसेना विवाद
Maharashtra Politics, Shivsena Controversy, महाराष्ट्र की राजनीति में बुधवार को काफी गहमा-गहमी रही. महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना (यूटीबी) और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) की याचिकाओं पर फैसला दिया. शिवसेना (यूटीबी) को इस फैसले से बेहद निराशा हुई. इस फैसले पर कई राजनीतिक दिग्गजों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राहत देते हुए शिवसेना-यूबीटी गुट के 13 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की शिवसेना-शिंदे की याचिका खारिज कर दी. शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा दायर याचिका में स्पीकर ने पाया कि याचिका में बड़ी असंगतताएं और विसंगतियां हैं और उन्होंने ठाकरे गुट के सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के उनके आधार को खारिज कर दिया.
इसके अलावा स्पीकर के बहुप्रतीक्षित फैसले के अन्य पहलुओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और एसएस-यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने पिता दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित मूल शिवसेना को सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों खो दिया है. स्पीकर के इस फैसले के बाद एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है, वहीं राजनीति के दिग्गज नेता इस फैसले को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नतीजों पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'आज एक बार फिर लोकतंत्र की जीत हुई है. ये उन शिवसैनिकों की जीत है, जो हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे के विचारों का झंडा लेकर निकले थे. यह एक बार फिर साबित हो गया है कि हम बालासाहेब और धर्मवीर आनंद दिघे के हिंदुत्व विचारों के सच्चे उत्तराधिकारी हैं. आज की जीत सत्य की जीत है. सत्यमेव जयते. यह राजनीतिक नेताओं के लिए एक बहुत ही प्रगतिशील और जिम्मेदार निर्णय है.'
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना राजनीतिक दल बताए जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'इस फैसले के बाद अब उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा... उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिलने की उम्मीद है.' इसके अलावा अंबादास दानवे ने कहा कि 'हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस फैसले को चुनौती देंगे...'
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को लेकर कहा कि '...हम जनता के बीच रहे हैं, जनता के बीच रहेंगे और जनता को साथ लेकर हम लड़ेंगे....' ठाकरे ने कहा कि 'आज जो स्पीकर का आदेश आया है वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत फैसला लिया है... हम ये लड़ाई आगे लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है...'
बता दें कि अपने फैसले में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि 'विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं. शिवसेना के किसी भी गुट का कोई भी विधायक अयोग्य नहीं है.' कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि 'यह अकेले उद्धव ठाकरे की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है. उन्हें न्याय मांगना चाहिए और उच्चतम न्यायालय जाना चाहिए. लोकतंत्र निश्चित तौर पर जीतेगा.'
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि 'आज का फैसला कोई न्याय नहीं है ये एक षड्यंत्र है, हम सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे. हमारी लड़ाई न्यायालय में जारी रहेगी...' शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा कि 'मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं. हमने सुना था 'वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा होता है'... 2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है 'वही होता है जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी और अमित शाह होता है.'
उन्होंने आगे कहा कि 'यही हम महाराष्ट्र में होते हुए देख रहे हैं... जिस चीज़ को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध और असंवैधानिक कहा था, उसे वैध करने का काम हो रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है...' वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) नेता दीपक केसरकर ने कहा कि 'इस फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा. इस फैसले की सच्चाई यह है कि पार्टी में भी लोकतंत्र होना चाहिए... यह निर्णय बिल्कुल सही निर्णय है...'