नई दिल्ली : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना ने संजय राउत (Sanjay Raut) को संसदीय पार्टी के नेता के पद से हटा दिया है और उनके स्थान पर लोकसभा सदस्य गजानन कीर्तिकर (Gajanand Kirtikar) को नियुक्त किया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में शिवसेना के शीर्ष नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि गजानन कीर्तिकर को शिवसेना संसदीय पार्टी का नेता नियुक्त किया गया है.
संसद भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित संसदीय पार्टी के कार्यालय में शिवसेना नेताओं ने गुरुवार को कीर्तिकर का स्वागत किया. लोकसभा में 18 सांसदों वाली शिवसेना के चार सांसदों ने उद्धव ठाकरे के प्रति अपनी वफादारी व्यक्त की है. ज्ञात हो कि पिछले वर्ष एकनाथ शिंदे ने ठाकरे पर पार्टी के मूल सिद्धांतों से भटकने और चिर प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस, राकांपा से हाथ मिलाकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी का विभाजन किया था. पिछले महीने निर्वाचन आयोग ने शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता प्रदान की थी तथा उनके धड़े को पार्टी का नाम एवं चिन्ह प्रदान किया था. राज्यसभा में शिवसेना के तीन सदस्य संजय राउत, अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी हैं और इन्होंने ठाकरे के प्रति निष्ठा प्रकट की है.
'संजय राउत की वफादारी शरद पवार के साथ' -वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता दादा भुसे ने दावा किया था कि शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की वफादारी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के साथ है. विधानसभा में भुसे ने राउत को इस्तीफा देने की चुनौती देते हुए कहा कि वह 'गद्दारों' (धोखेबाज) के वोटों पर राज्यसभा के सदस्य बने. 'गद्दार' शब्द का इस्तेमाल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट, एकनाथ शिंदे और 39 बागी विधायकों को ताना मारने के लिए करता है.