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राहुल शेवाले सरासर झूठ बोल रहे : सांसद अरविंद सावंत - शिवसेना सांसद अरविंद सावंत का पलटवार

महाराष्ट्र की सियासत आज दिल्ली में भी जोर शोर से चलती रही. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिल्ली में 12 सांसदों से मुलाकात की, जिन्होंने शिंदे ग्रुप का दामन थामा. इन लोगों ने लोकसभा स्पीकर से गुजारिश की कि उन्हें शिंदे ग्रुप में कंसीडर करें, वहीं महाराष्ट्र के सांसद राहुल शेवाले ने आरोप लगाया कि जब अरविंद सावंत ने इस्तीफा दिया था तब भी कई सांसद एनडीए से अलग होना नहीं चाहते थे. अधिकारिक तौर पर चिट्ठी तब भी नहीं ली गई थी. इस मुद्दे पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत से 'ईटीवी भारत' की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना ने बात की. जानिए अरविंद सावंत ने क्या कहा.

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सांसद अरविंद सावंत

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Published : Jul 19, 2022, 10:06 PM IST

नई दिल्ली : शिवसेना के 12 सांसदों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने शिंदे ग्रुप का दामन थाम लिया. शिंदे ग्रुप ने दावा किया कि शिवसेना के कुछ नेता एनडीए गठबंधन से अलग होना नही चाहते थे. इस पर शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने कहा कि 'राहुल शेवाले सरासर झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिंदे और उनके तमाम नेता कोई भी संवैधानिक बात नहीं कर रहे. यदि दो तिहाई लोग अलग हो जाएं और सरकार बना लें इसका मतलब यह नहीं कि पूरी शिवसेना उन्हें की हो गई.'

अरविंद सावंत से खास बातचीत

अरविंद सावंत ने कहा कि 'जिस तरह से राज्यपाल ने असंवैधानिक तौर पर शिंदे ग्रुप को बुलाकर तमाम संविधान को दरकिनार करते हुए नियमों की अवहेलना की है वह सब ने देखा है.' अरविंद सावंत ने कहा कि 'जब मैंने केंद्र सरकार से मंत्री के तौर पर इस्तीफा दिया था तो इन्हीं नेताओं ने खुशी जाहिर की थी और धन्यवाद दिया था. यही नहीं जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं एकनाथ शिंदे, उन्होंने खुद ही डोम्बिवली की भरी सभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बारे में कहा था कि वो उन्हें बहुत तकलीफ दे रहे हैं और वह उनके साथ मिलकर नहीं बैठ सकते. वह शिवसेना के नेताओं को तरजीह नहीं देते हैं. मगर आज उन्होंने दबाव में आकर उन्हीं के साथ सरकार बनाई.'

अरविंद सावंत ने कहा कि यदि वह विचारधारा पर अलग होकर विपक्ष में बैठते तो मैं उनकी सराहना करता, लेकिन इन्होंने विचारधारा के नाम पर अलगाव की बात की और खुद जाकर भाजपा के साथ सरकार बना ली. अगर इन्हें एनसीपी और कांग्रेस के साथ नहीं रहना था तो कहते कि विपक्ष में बैठना है. मगर उन्हें सत्ता चाहिए थी. यही वजह है तमाम संवैधानिक कारण बताते शिंदे ग्रुप ने सरकार बनाई लेकिन यह मामला कोर्ट में है. कोर्ट इस पर फैसला करेगा. किसी पार्टी से दो तिहाई लोग अलग होकर अपनी पार्टी को खुद मान्यता नहीं दे सकते.

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