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शिवसेना के साथ गठबंधन महाराष्ट्र तक ही सीमित : अशोक चव्हाण

कांग्रेस और शिवसेना में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. कभी कोई दबाव बनाने के लिए बयान देता है तो कभी कोई. आलम यह है कि दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने से भी बाज नहीं आते. पढ़ें ताजा मामला.

ashok chavan
अशोक चव्हाण

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Published : Dec 27, 2020, 6:54 PM IST

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि शिवसेना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा नहीं है और दोनों दलों के बीच गठबंधन महाराष्ट्र तक ही सीमित है. इससे पहले शनिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने कांग्रेस नीत संप्रग के विस्तार की बात कही थी.

संप्रग का हिस्सा बनना बाकी

महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग मंत्री चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना को संप्रग के नेतृत्व को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व शिवसेना कर रही है, जिसमें कांग्रेस और राकांपा भी शामिल हैं. शिवसेना को अभी संप्रग का हिस्सा बनना बाकी है. महाराष्ट्र में सेना के साथ हमारा गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर आधारित है और महाराष्ट्र तक सीमित है.

चर्चा करने की आवश्यकता नहीं

चव्हाण ने कहा कि संप्रग नेतृत्व के बारे में उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शरद पवार ने स्वयं उन अटकलों को खारिज किया है कि वह संप्रग के अगले अध्यक्ष होंगे. संप्रग के सहयोगी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है. ऐसे में इस विषय पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

संजय राउत ने दिया था बयान

शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को संप्रग का दायरा बढ़ाने का आह्वान किया था और कहा था कि विपक्ष को केंद्र के तानाशाही रवैये के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. केंद्र सरकार के खिलाफ मजूबत विकल्प देना चाहिए. उन्होंने कहा था कि सभी विपक्षी पार्टियों को केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ एकसाथ आना चाहिए. कमजोर विपक्ष लोकतंत्र के लिए खराब है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सभी दलों का समर्थन प्राप्त है. उन्हें संप्रग का अध्यक्ष बना देना चाहिए.

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