मुंबई:शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा कि एक साल पहले शिवसेना (यूबीटी) का उपनेता नियुक्त किए जाने के बावजूद उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में ठाकरे से मिलना 'असंभव' हो गया था.
शिवसेना के तेजतर्रार नेता शिंदे 1991 में चर्चा में आए थे जब उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर कुछ अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भारत-पाकिस्तान मैच रोकने के लिए मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद दी थी. बाद में वह शिवसेना छोड़कर राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल हो गए थे. वह 2009 में उपनगरीय भांडुप से विधायक चुने गए थे. 2018 में वह शिवसेना में लौट आए थे.
उद्धव के सीएम बनने के बाद ही शुरू थी बगावत की साजिश: शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया है कि नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लगभग छह महीने बाद शिवसेना में विद्रोह का षड्यंत्र शुरू हो गया था और बाद में गुवाहाटी जाने वाले बागी नेता मुख्य साजिशकर्ता थे. अकोला जिले से विधायक नितिन देशमुख ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह दावा झूठा है कि उन्होंने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया.
शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी. इसके बाद 30 जून, 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. देशमुख ने दावा किया, '(जून 2022 में) विद्रोह से एक महीने पहले, शिंदे ने मुझसे कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे और फडणवीस केवल यह जानते हैं कि सरकार को कैसे गिराना है. केवल शिंदे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही जानते थे कि कौन मुख्यमंत्री बनने जा रहा है.'
देशमुख और उस्मानाबाद से शिवसेना (यूबीटी) के एक अन्य विधायक कैलाश पाटिल पार्टी के नेता आदेश बांदेकर को दिए एक साक्षात्कार में बोल रहे थे. पार्टी के यूट्यूब चैनल पर यह पॉडकास्ट जारी किया गया है. पॉडकास्ट का पहला भाग शुक्रवार को जारी किया गया था. यह वीडियो 19 जून को शिवसेना के 57वें स्थापना दिवस से पहले आया है.