औरंगाबाद :बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ( Aurangabad Bench of Bombay High Court) ने शिरडी साईंबाबा संस्थान के न्यासी बोर्ड (Shirdi Saibaba Sansthan Board) को भंग कर दिया है. महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान नियुक्त साईंबाबा संस्थान बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज को बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने खारिज कर दिया.
कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगले दो महीने में नए न्यासी बोर्ड की नियुक्ति की जाए और मंदिर का प्रबंधन पहले की तरह तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपा जाए. सामाजिक कार्यकर्ता संजय काले ने औरंगाबाद कोर्ट में याचिका दायर कर संबंधित बोर्ड को अवैध बताया था, इसी पर सुनवाई कर कोर्ट ने फैसला सुनाया. शिरडी साईबाबा न्यास के सदस्यों की नियुक्ति महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान हुई थी.
तीन दलीय सरकार के कारण कोटा तय करने और उसके अनुसार नियुक्तियां करने में देरी हुई. पहले चरण में राकांपा विधायक आशुतोष काले समेत कुछ सदस्यों की नियुक्ति की गई. काले को अध्यक्ष का पद दिया गया था. कोर्ट के दखल के बाद बाकी सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई.
सरकार ने न्यासी मंडल की नियुक्ति करते समय अपने द्वारा बनाए गए कानून का पालन नहीं किया. न्यासी बोर्ड को नियमानुसार नियुक्त नहीं किया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता संजय काले ने मानदंडों का पालन नहीं करने पर आपत्ति जताते हुए एक याचिका दायर की थी. इसे सुना गया और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने चार महीने बाद आज अपना फैसला सुनाया है.
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