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शिंजो आबे की हत्या और जापान के कुशल हत्यारे 'निंजा' का इतिहास

जापान आज भले ही अपराध-मुक्त समाज है, लेकिन इसका इतिहास ऐसा नहीं रहा है. यहीं के वे हत्यारे हैं जो एक समय दुनियाभर में चर्चा में रहे. इन्हें 'निंजा' (ninjas) या 'शिनोबी' कहा जाता था. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

Shinzo Abe killing
शिंजो आबे की हत्या

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Published : Jul 9, 2022, 4:16 PM IST

Updated : Jul 9, 2022, 7:26 PM IST

नई दिल्ली :जापान में शुक्रवार दोपहर से पहले करीब साढ़े ग्यारह का वक्त रहा होगा जब दो गोलियां पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Japan former Prime Minister Shinzo Abe) को लगीं. जिस दौरान यह घटना घटी वह दक्षिणी जापानी शहर नारा के एक टाउन स्क्वायर में भाषण दे रहे थे. आबे को कुछ घंटों के बाद मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना से पूरी दुनिया सन्न रह गई.

हत्यारे को मौके पर ही दबोच लिया गया. इस पूरे मामले में सबसे आश्चर्यजनक था उसका सटीक निशाना. हत्यारे की पहचान 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी (Tetsuya Yamagami) के रूम हुई जो जापान के समुद्री आत्मरक्षा बल का पूर्व नौसैनिक है. 17 साल पहले उसने नौकरी छोड़ी थी. फायरिंग से ठीक पहले ली गई तस्वीरों में यामागामी एक ग्रे-टी-शर्ट, खाकी कारगो पहने नजर आ रहा है. उसने एक काला बैग क्रॉस पहन रखा है. मध्यम ऊंचाई का गोरे रंग का ये व्यक्ति जिस बैग को टांगे है उसका इस्तेमाल संभवतः लगभग 15 इंच लंबे हथियार को लाने के लिए किया गया.

फायरिंग के दौरान जिस तरह से हथियार से धुआं निकलता दिखा उससे लगता है कि ये घर में ही बनाया गया होगा. कारतूस भी होम मेड रहे होंगे. डबल बैरल वाली शॉट गन से एक के बाद एक गोली दागी गई. दूसरे शब्दों में कहें तो यामागामी पूरी तैयारी से था. सिर्फ दो गोलियों से इस तरह से हत्या करने से पहले उसने काफी अभ्यास किया होगा. यह एक मात्र संयोग भी हो सकता है कि यामागामी नारा प्रान्त का निवासी था जो मिई प्रान्त के ठीक बगल में है जहां इगा प्रांत (Iga province) स्थित है.

इगा जापान के उन हत्यारों का पारंपरिक घर है जिसे 'निंजा' या 'शिनोबी' कहा जाता है. 15 वीं शताब्दी के आसपास इन्होंने बड़ी संख्या में हत्याएं की थीं. मार्शल आर्ट में अच्छी तरह से प्रशिक्षित, जासूसी कला में निपुड़ इन लोगों ने हत्याएं कर आतंक फैला रखा था. यहां तक कि जापानी सामंती राजनीति भी इनसे अछूती नहीं रही. इन्हें भाड़े के सैनिकों के रूप में भी नियुक्त किया गया था.

हालांकि निंजा' या 'शिनोबी' की उपयोगिता 'तोकुगावा' या 'ईदो' अवधि (1603-1867) के दौरान काफी कम हो गई थी. यह जापान में शांति, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास का दौर था. 'शिनोबी' पर 17वीं और 18वीं शताब्दी में लिखे गए कई ग्रंथ अस्तित्व में हैं. हॉलीवुड और चीन की कई फिल्में निंजा 'शिनोबी' पर बनी हैं. जहां तक नारा की बात है तो वहां के लोगों के लिए 'शिनोबी' के तरीके अनजान नहीं हैं.

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Last Updated : Jul 9, 2022, 7:26 PM IST

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