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Palghar Lynching case : शिंदे सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार - palgahar cbi probe shinde govt

शिंदे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पालघर में साधुओं की हुई हत्या मामले में सीबीआई जांच को लेकर अपनी सहमति जताई है. सरकार ने शपथ पत्र भी दाखिल किया है. पालघर मामले में लंबे समय से संत समाज सीबीआई की मांग करता आ रहा है. इससे पहले उद्धव सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की थी. Palghar lynching case update.

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पालघर में साधुओं की हत्या मामला

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Published : Oct 11, 2022, 12:21 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 7:20 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र सरकार ने अपने रुख में बदलाव लाते हुए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह अप्रैल 2020 में पालघर जिले में दो संतों सहित तीन लोगों की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए तैयार है. इससे पहले, राज्य सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस घटना में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित किया है. राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी. Palghar lynching case update.

महाराष्ट्र सरकार ने एक हलफनामे में कहा, 'याचिकाकर्ताओं ने जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है, उनके अनुसार, मामले में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच के लिए यह अनिवार्य है, महाराष्ट्र राज्य मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है और उसे इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं होगी.' राज्य सरकार ने यह हलफनामा श्रीपंच दशाबन जूना अखाड़ा के साधुओं और पीड़ित संतों के रिश्तेदारों सहित विभिन्न याचिकाओं के जवाब में दायर किया था. इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि राज्य पुलिस की जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की जा रही है. अन्य याचिकाएं वकीलों शशांक शेखर झा और घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर की गई हैं.

क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र के पालघर जिले में ग्रामीणों के एक समूह ने चोर होने के संदेह पर तीन व्यक्तियों को कार से बाहर खींच पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. तीनों किसी व्यक्ति की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर शुरुआत में पहुंचे पुलिसकर्मी पीड़ितों को बचा नहीं सके, क्योंकि हमलावरों की संख्या बहुत अधिक थी और भीड़ ने पुलिस वाहन में भी पीड़ितों की पिटाई की.

कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले के अनुसार यह वीभत्स घटना 16 अप्रैल 2020 को रात में 9.30 से 10 बजे के बीच हुई. यह घटना ऐसे समय में हुई, जब कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना में तीनों की पहचान, उत्तरी मुंबई के कांधीवली निवासी चिकने महाराज कल्पवृक्षागिरि, सुशीलगिरि महाराज और उनके कार चालक निलेश तेलगाड़े के रूप में हुई है.

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Last Updated : Oct 11, 2022, 7:20 PM IST

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