शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश ने प्रलय मचा दी है. प्रदेश भर में लैंडस्लाइड से भारी नुकसान हुआ है. बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में लैंडस्लाइड के मामले सामने आए हैं. खास कर राजधानी में लैंडस्लाइड ने भारी तबाही मचाई. शिमला में सोमवार को शिव मंदिर पर भारी लैंडस्लाइड हुआ. इस हादसे में कई लोग मलबे के नीचे दब गए. इसके अलावा आज प्रदेशभर में सभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे.
तीसरे दिन भी रेस्क्यू जारी:राजधानी शिमला में समरहिल के शिव मंदिर में आज तीसरे दिन भी लापता लोगों को तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन बुधवार सुबह से ही शुरू कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार आज अभी तक कोई शव नहीं मिला है. आज रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी की छोटी मशीन की भी मदद ली जा रही है. सर्च ऑपरेशन सुबह 7:30 बजे से जारी है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना के जवान, पुलिस, होमगार्ड, स्थानीय लोगों ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है. बता दें कि इस दर्दनाक घटना में अब तक 13 लोगों के शव निकाले गए हैं. अभी भी मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका है. जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
मंगलवार देर रात तक चला रेस्क्यू:बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार देर शाम तक जारी रहा. रात होने पर रेस्क्यू बंद कर दिया गया था. आज सुबह फिर से रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है. मंगलवार को मलबे से 4 शव निकाले गए थे. इसमें से एक एचपीयू की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मानसी का शव बरामद हुआ था. इसके अलावा एक शव सर्च ऑपरेशन के दौरान टुकड़ों में मिला था, जिसकी अभी तक पहचान नहीं हो पा रही है. तीसरा शव एचपीयू के प्रोफेसर पीएल शर्मा की पत्नी चित्रलेखा का था. जबकि चौथे मृतक की पहचान सुमन किशोर के रूप में हुई है. वहीं आज एक और महिला का शव मलबे से निकाला गया है.
मलबे में लोगों को तलाशना मुश्किल: जानकारी के अनुसार मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे जवानों ने अब शिव मंदिर से लेकर नीचे एक किलोमीटर तक नाले में शवों की तलाश शुरू कर दी है. इसमें कई और शव मिलने की आशंका है. अभी बारिश का दौर थोड़ा थमा हुआ है, जिसके कारण रेस्क्यू के जल्द पूरा होने की संभावना है. लापता लोगों के परिजन लगातार इनके मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मंदिर के आसपास मलबा ज्यादा होने के कारण इन्हें तलाशना काफी मुश्किल हो रहा है.
स्थानीय लोग भी रेस्क्यू में जुटे:जिला प्रशासन की टीम सुबह ही मौके पर पहुंच गई थी और इस काम को शुरू कर दिया था. रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोग भी प्रशासन की मदद के लिए पूरी तरह से जुट गए हैं. अवकाश होने के कारण समरहिल चेली से लेकर आसपास क्षेत्रों के सभी लोग इस पूरे बचाव कार्य में जुटे हुए हैं और अपनों को मलबे से निकालने के लिए रेस्क्यू टीमों की मदद कर रहे हैं.