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Shardiya Navratri : चामुंडा देवी मंदिर में अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने वालों की नो एंट्री

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 16, 2023, 5:47 PM IST

यदि आप संभल के मां चामुंडा देवी मंदिर (Sambhal Maa Chamunda Devi Temple) जा रहे हैं तो भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर ही जाएं. कपड़े भी वैसे ही पहने नहीं तो आपको प्रवेश नहीं मिलेगा. मंदिर के बाहर सेवादार ऐसे लोगों को अंदर जाने से रोक रहे हैं.

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चामुंडा देवी मंदिर में अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने पर पाबंदी

संभल:शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है. ऐसे में श्री सिद्धपीठ मां चामुंडा देवी मंदिर समिति की ओर से फरमान जारी करते हुए बोर्ड लगाकर मर्यादित कपड़ों में ही महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं से मंदिर में आने की अपील की गई है. यही नहीं छोटे और कटे-फटे कपड़े पहनकर आने वालों को सेवादार रोक रहे हैं. उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.

बता दें कि शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से प्रारंभ हो गई है. संभल सदर के मोहल्ला हल्लू सराय स्थित श्री सिद्धपीठ मां चामुंडा देवी मंदिर पर लाखों की तादात में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. लेकिन, इस बार मंदिर प्रशासन की और से श्रद्धालुओं के लिए फरमान जारी किया गया है. यह फरमान उन श्रद्धालुओं के लिए जारी किया गया है, जो मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए अमर्यादित कपड़े पहनकर आते हैं. मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर परिसर में पोस्टर चिपकाए गए हैं. मंदिर प्रशासन की ओर से बाकायदा पोस्टर लगाने के साथ सेवादार भी नियुक्त किए गए हैं.

श्री सिद्धपीठ मां चामुंडा देवी मंदिर समिति का फरमान

महिला एवं पुरुष सेवादार उन श्रद्धालुओं पर विशेष निगाह बनाए हुए हैं, जो मंदिर के अंदर कटे-फटे एवं छोटे कपड़े पहनकर आ रहे हैं. ऐसे सभी श्रद्धालुओं को सेवादार मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति न देकर उनको बाहर गेट से ही पूजा करने दे रहे हैं. यही नहीं श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वह मंदिर में मर्यादित वस्त्र ही पहनकर आएं. भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाले कपड़े ही पहनकर श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना करें, ताकि भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई दे.

मंदिर के पुजारी मुरली सिंह का कहना है कि नवरात्रि में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु पूरे वस्त्र धारण करके ही मंदिर में पूजा-अर्चना करने आएं. उन्होंने बताया कि जो श्रद्धालु कटे-फटे एवं छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में आ रहे हैं, उनसे अपील की जा रही है कि वह पूरे वस्त्र धारण करके ही मंदिर पहुंचें. यही नहीं मंदिर में सेवादार भी लगाए गए हैं. उधर, मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रशासन के इस फैसले की सराहना की है. महिला श्रद्धालुओं का कहना है कि अगर मंदिर में पूजा-अर्चना करनी है तो भारतीय संस्कृति के अनुसार संपूर्ण परिधान पहनकर ही पूजा-अर्चना किया जाना अच्छा होता है. आपको बता दें कि संभल के इस प्राचीन मंदिर में नवरात्रि पर लाखों की तादात में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं.

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