हैदराबाद :हिंदू पंचांग के अनुसार, 7 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार से नवरात्रि महापर्व की शुरूआत हो चुकी है. अगले 9 दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होगी. नवरात्रि के दौरान शुभ मुहूर्त और पूजन विधि बता रहे हैं लोकमंगल ज्योतिष अनुसंधान संस्थान (बांदा) के निदेशक ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी महाराज के अनुसार, शक्ति आराधना का महापर्व नवरात्रि आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ हो नौ दिन तक जारी रहता है.
उन्होंने बताया कि इस पर्व में आत्मविकास एवं राष्ट्ररक्षा, सुख, शांति व समृद्धि हेतु सनातन हिन्दू धर्म प्रेमी जन कलश, दीप आदि स्थापित कर विधिवत व्रत पूजन आदि करते हैं. दक्षिण संक्रांति में कन्या राशि के सूर्य संचरण होने से शरद ऋतु का प्रारंभ होता है. आश्विन शुक्लपक्ष के इस महापर्व को शारदीय नवरात्रि के रूप में भी लोग जानते हैं.
कलश स्थापना का मुहूर्त
07 अक्टूबर दिन गुरुवार को सूर्योदय काल में प्रतिपदा तिथि होने से शास्त्र अनुसार इसी दिन से नवरात्रि पर्व आरंभ होगा. कलश स्थापना हेतु विशेष मुहूर्त गुरुवार को यानि पहले नवरात्र को सुबह 11.37 बजे से 12.23 तक अभिजित मुहूर्त रहेगा. इसमें कलश स्थापना अत्यंत लाभप्रद है. सूर्योदय पश्चात प्रातः 7 बजे से 12.23 मध्याह्न तक कलश स्थापना का मुहूर्त है.
पूजन विधि
धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, अक्षत पुष्ष, चंदन, रोली एवं गंगाजल से मां का पूजन करें. मां दुर्गा के नवीन चित्र को चौकी में स्थापित कर श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं नवार्णमंत्र का जप करने से मनोरथ पूर्ण होते हैं. साथ ही इस मंत्र का जाप करें.