हैदराबाद : हिंदू धर्म में आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस साल 19 अक्टूबर के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी. शरद पूर्णिमा को कोजागरी और राज पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का काफी महत्व है. ज्योतिषियों के अनुसार साल में से सिर्फ शरद पूर्णिमा के ही दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है. इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. कहते हैं कि इस दिन से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है. पूर्णिमा की रात चंद्रमा की दूधिया रोशनी धरती को नहलाती है और इसी दूधिया रोशनी के बीच पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी, भगवान श्रीकृष्ण और चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा की रोशनी का विशेष प्रभाव माना जाता है.
इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन रहेगी. मंगलवार की शाम पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी और पूरी रात रहेगी. इसलिए मंगलवार की रात को ही शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को भी पूरे दिन रहेगी और रात 8:26 बजे समाप्त हो जाएगी.
महत्वपूर्ण समय
- सूर्योदय- सुबह 06:25 बजे
- सूर्यास्त- शाम 05:58 बजे
- चन्द्रोदय - शाम 05:27 बजे
- पूर्णिमा तिथि- 19 अक्टूबर 2021 को शाम 07:03 बजे से
- 20 अक्टूबर 2021 को रात 08:26 बजे तक
शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व