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Nagaland politics : नागालैंड में पवार को था इस बात का डर, इसलिए बने 'भाजपा के दोस्त', औवैसी ने भी साधा निशाना

नागालैंड में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (NDPP) की सरकार को सर्मथन देने का फैसला किया है (Pawar announces support to CM Rio). NDPP की प्रमुख सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी है. एनसीपी के इस दांव से कई राजनीतिक सवाल उठने लगे हैं. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी निशाना साथा है.

Nagaland NCP Announces Support NDPP
नेफ्यू रियो और शरद पवार की फाइल फोटो.

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Published : Mar 9, 2023, 2:19 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 6:42 PM IST

नई दिल्ली: पुरानी कहावत है कि राजनीति वह क्षेत्र है जहां ना किसी से स्थायी दोस्ती होती है और ना ही कोई स्थायी दुश्मन होता है. हाल में नागालैंड के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर डालें तो एक बार फिर यह कहावत सटीक बैठती है. राकांपा के चीफ शरद पवार का भाजपा को समर्थन करना सबको हैरान करने वाला फैसला है. सवाल उठ रहा है कि क्या शरद पवार, जिनके बारे में प्रधानमंत्री मोदी संसद में कह चुके हैं कि उनकी उंगली पकड़ कर राजनीति सीखी, भाजपा के करीब जा रहे हैं?

वहीं, नागालैंड के इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर जानकारों का ये मानना है कि ये फैसला पार्टी के विजयी सात विधायकों के दबाव में किया गया है. वहीं चर्चा ये भी है कि पवार को ये फैसला इसलिए करना पड़ा क्योंकि उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि कहीं ये सातों विधायक दूसरे खेमे में न चले जाएं.

पार्टी के जानकार सूत्रों का भी कहना है कि शरद पवार ने पार्टी की राज्य इकाई के दबाव में यह फैसला लिया है. हालांकि पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में यह कहा कि नागालैंड की व्यापक भलाई को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. सात मार्च को हुई बैठक में शरद पवार ने पिक्टो शोहे को नागालैंड में विधायक दल का नेता घोषित किया. शियो पहले NDPP में थे और इस बार टिकट नहीं मिलने पर एनसीपी में शामिल हो गए थे.

ओवैसी ने किया ट्वीट

ओवैसी ने की आलोचना :एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनसीपी और उसके पार्टी प्रमुख शरद पवार की नागालैंड के विधायकों द्वारा नेफ्यू रियो को समर्थन देने की घोषणा के बाद आलोचना की है. एआईएमआईएम प्रमुख ने भाजपा के साथ गठबंधन का समर्थन करने वाले राकांपा की आलोचना की और कहा, 'अगर 'शरद' 'शादाब' होते तो उन्हें बी-टीम कहा जाता और 'धर्मनिरपेक्षों' के लिए अछूत कहा जाता. मैंने कभी भी भाजपा सरकार का समर्थन नहीं किया है और न कभी करूंगा लेकिन यह दूसरी बार है जब एनसीपी ने भाजपा का समर्थन किया है और यह आखिरी नहीं हो सकता है.'

पुणे में साधा था निशाना, अब बदले सुर :हालांकि, अभी कुछ दिनों पहले पुणे में शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोग 'राजनीतिक बदलाव' के लिए तरस रहे हैं. उन्होंने कहा था कि इसके लिए जरूरी है कि सभी विपक्षी दल एक साथ आएं. उन्होंने हाल में राज्य भर में किए अपने दौरे का हवाला देते हुए यह बात कही थी. फिर बुधवार को ऐसा क्या हुआ कि शरद पवार नागालैंड में भाजपा के सहयोग से सरकार बना रहे मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को समर्थन देने पर राजी हो गए. जाहिर तौर पर उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि कहीं उनके विधायक पाला न बदल लें.

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नागालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने विपक्षी दलों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. एनसीपी ने 12 सीट पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे सात पर जीत मिली. बताया जा रहा है कि सात मार्च को एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पार्टी के महासचिव नरेंद्र वर्मा और बारामती सांसद सुप्रिया सुले के बीच बैठक हुई थी. जिसमें पार्टी ने नागालैंड के सीएम और राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (NDPP) के प्रमुख नेफ्यू रियो का साथ देने की बात कही. बता दें कि नागालैंड में NDPP की प्रमुख सहयोगी दल भाजपा है.

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Last Updated : Mar 9, 2023, 6:42 PM IST

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