जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सियासी घमासान जारी है. इस बीच सोमवार को मंत्री शांति धारीवाल ने कांग्रेस सेक्रेटरी जनरल इंचार्ज पर (shanti dhariwal allegation on ajay maken) आरोप लगाते हुए कहा कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से यहां के विधायकों से बातचीत कर रहे थे. 50 सालों में एक बार भी अनुशासनहीनता का आरोप नहीं लगा, लेकिन आज एक जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज ऐसे व्यक्ति को चीफ मिनिस्टर बनाने का मिशन लेकर आया है जिसने सरकार को संकट में डाल दिया था.
राजस्थान सरकार के मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पर जब संकट आया था तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्देश दिए थे कि हर संभव कोशिश कर सरकार को बचाना है. कहा था कि निष्ठावान लोगों को एकत्रित करने का काम करो. उसी दृष्टि से हम 34 दिनों तक होटलों में रहे. बातचीत करते रहे और सलाह मशविरा होता रहा. गद्दारी करने वाले लोग मानेसर में इकट्ठे हो गए थे और सरकार गिराने के लिए प्रयास में लगे थे.
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डिप्टी चीफ मिनिस्टर होते हुए यह स्टेटमेंट दिया था कि गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है और उनको इस्तीफा दे देना चाहिए. ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जब माहौल बना और विधानसभा सत्र की तारीख आने लगी तो उन लोगों ने सरेंडर कर दिया. सरेंडर करके कांग्रेस का साथ सदन में जरूर दिया लेकिन 34 दिन तक मानेसर में इकट्ठा होकर सरकार गिराने का भी षड्यंत्र किया. सरकार के खिलाफ भी स्टेटमेंट देते रहे. आज उनको चीफ मिनिस्टर बनाने के लिए सेक्रेटरी जनरल इंचार्ज तक आ गए हैं.
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कांग्रेस सेक्रेटरी जनरल इंचार्ज पर लगाया पक्षपात का आरोप
मंत्री शांति धारीवाल (shanti dhariwal press conference) ने कांग्रेस सेक्रेटरी जनरल इंचार्ज अजय माकन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से यहां के विधायकों से बात कर रहे थे. कई दिनों से लगातार यह सूचनाएं आ रहीं थीं कि वह सचिन पायलट के पक्ष में प्रचार करने के लिए कहा करते थे और विधायकों को भी जुड़ने के लिए भी कहते थे. हमारे पास इस बात के सबूत है. शांति धारीवाल ने कहा कि हम सोनिया गांधी के सिपाही हैं. सोनिया गांधी के हर हुक्म को हमने 50 साल तक माना है. मेरी 50 साल की राजनीति हो गई है. इस दौरान कई पदों पर भी रहा. इन 50 सालों में एक बार भी अनुशासनहीनता का आरोप नहीं लगा, लेकिन आज एक जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज जब ऐसे व्यक्ति को चीफ मिनिस्टर बनाने का मिशन लेकर आया तो लोगों की भावनाएं भड़कने ही थीं. विधायकों को नाराज होना ही था.
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नाराज विधायकों के मेरे पास फोन आए. उन्होंने कहा कि हमारी बात सुनिए. विधायकों की बात सुनने के लिए ही सभी इकट्ठे हुए थे. 3 घंटे तक विधायकों की बात सुनी. वह क्या चाहते हैं यह भी सुना. कांग्रेस के निष्ठावान विधायक 34 दिन तक होटलों में इकट्ठे थे. अगर मुख्यमंत्री ही बनाना है तो उनमें से ही बनाओ. निष्ठावान विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाओ. जिसको सोनिया गांधी कहेंगी वही मुख्यमंत्री बनेगा. सोनिया गांधी का हुक्म ही बहाल रहेगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष के हुक्म को कोई चैलेंज नहीं कर सकता, लेकिन गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए तो यहां का विधायक यह भी कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.
शांति धारीवाल ने अजय माकन पर आरोप लगाए तों वहीं मलिकार्जुन खड़गे के लिए कहा कि वह तो ईमानदार और निष्पक्ष व्यक्ति हैं. सीएम अशोक गहलोत को हटाने के षड्यंत्र के सवाल पर धारीवाल ने कहा कि बिल्कुल यह षड्यंत्र था और इसमें जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज अजय माकन भी शामिल थे. विधायकों के विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने की बात पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग रायशुमारी के लिए किसी ने नहीं कहा था. मंत्री शांति धारीवाल ने जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने तो कहा था कि एक लाइन का प्रस्ताव पास करने के लिए आए हैं.