दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हिन्दुओं को काफिर कहने वाले अपने पूर्वजों पर खड़े कर रहे सवाल: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर के सिलतरा में कहा कि, हिन्दू खतरे में नहीं हैं. जो हिंदु समुदाय के लिए खतरा हैं. वह खुद बहुत बड़े खतरे में हैं.

Swami Nischalanand Saraswati
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

By

Published : Feb 21, 2022, 2:00 AM IST

रायपुर: गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर के सिलतरा में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में कोई भी हिंदू खतरे में नहीं है. जो हिंदुओं के लिए खतरा हैं उन पर खुद बहुत बड़ा खतरा है. निश्चलानंद सरस्वती यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि, जो हिंदुओं को काफिर कहते हैं. वह ऐसा करके अपने पूर्वजों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वह अपने पूर्वजों को काफिर कह रहे हैं. निश्चलानंद सरस्वती का दावा है कि, सबके पूवर्ज सतानतनी वैदिक आर्य हिंदू थे.

हिजाब मामले में कही ये बात

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर के सिलतरा इलाके में बने सुदर्शन शंकराचार्य आश्रम में कहा कि हम विश्व का कल्याण हो ऐसा कहते हैं. लेकिन वो लोग ऐसा नहीं सोचते. उन्होंने कहा वो तो सोचते हैं हिंदुओं का बंटाधार हो. तो जब हम कहते हैं विश्व का कल्याण हो तो विश्व में कौन है विश्व में सभी प्राणी हैं. मनुष्य, जानवर, पक्षी, कीट सब पूरे विश्व में शामिल हैं. हिंदूराष्ट्र में हर पंथ, कौम, समुदाय के योगदान का स्वागत है जो सुसंस्कृत, सुरक्षित समाज बनाने में योगदान देते हैं.

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

हिजाब विवाद पर निश्चलानंद ने कहा- सुप्रीम कोर्ट मेरी बात नहीं काटता

देश में हिजाब विवाद पर मचे घमासान को लेकर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि दोनों पक्षों के लोग आएं मैं बात करूंगा, मेरा निर्णय सुप्रीम कोर्ट भी नहीं काटता. स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि, इस मसले पर दक्षिण के नेता मेरे पास आएंगे और धर्माचार्य आएंगे तो बात करूंगा, दक्षिण के शंकराचार्य भी हैं. उनसे सारी स्थिति समझे बिना मैं बोलूं. कहीं कोई बवंडर न हो जाए. इसलिए मैं उनसे बात करके उपाय बताउंगा. सुप्रीम कोर्ट आज भी मेरा फैसला नहीं काटता.

कौन हैं निश्चलानंद सरस्वती

गोवर्धनमठ पुरी पीठ के वर्तमान में 145 वें प्रमुख शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती हैं. कहा जाता है कि, वो भारत के एक ऐसे सन्त हैं जिनसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने अगस्त 2000 में न्यूयार्क में आयोजित विश्व शांति शिखर सम्मेलन में मार्गदर्शन लिया था.

ये भी पढ़ें - रिटायर्ड SI बच्चों को सिखा रहे दुनिया का सबसे पुराना मार्शल आर्ट कलारिपयट्टू

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details