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उत्तराखंड में पहली बार शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गंगा पूजन से किया शुभारंभ

Winter Chardham Yatra for first time in Uttarakhand उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा अब तक ग्रीष्मकाल में हुआ करती थी. अब यह यात्रा शीतकाल में भी शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत आज बुधवार 27 दिसंबर 2023 को हरिद्वार से ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने की है. हरिद्वार से शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू करते समय शंकराचार्य ने कहा कि शीतकाल हो चाहे ग्रीष्मकाल हो, यात्रा के लिए आइये. उत्तराखंड के चारधाम आपको आशीर्वाद देने के लिए सदैव विद्यमान हैं.

Winter Chardham Yatra
शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 27, 2023, 11:32 AM IST

Updated : Dec 27, 2023, 12:47 PM IST

शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू

हरिद्वार (उत्तराखंड):स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बुधवार को चंडीघाट पर मां गंगा की पूजा करके शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की है. उनका मानना है कि भगवान तो 12 महीने रहते हैं, लेकिन उनकी पूजा 6 महीने की जाए और 6 महीने छोड़ दिया जाए यह उचित नहीं है. इसलिए जो यात्रा सदा होती रहती है, वह होती रहनी चाहिए. इसी संदेश देने के लिए वे चारधाम की शीतकालीन यात्रा कर रहे हैं.

उत्तराखंड शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू

देशवासियों से की अपील:ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप वर्ष भर में ग्रीष्मकाल या शीतकाल कभी भी चारधाम यात्रा पर आएं. उत्तराखंड के चारों धाम आपको आशीर्वाद देने के लिए विद्यमान हैं. बताते चलें कि अभी तक नवंबर के बाद चारधाम के कपाट 6 महीने के लिए शीतकाल में बंद हो जाते हैं.

शंकराचार्य ने गंगा पूजन से शुरू की शीतकालीन चारधाम यात्रा

मां गंगा से प्रार्थना कर शुरू की यात्रा:ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सरस्वती का कहना है कि भगवती गंगा हम सब की मनोकामना को पूरी करेंगी. आज हमने हरिद्वार के चंडीघाट पर गंगा जी की पूजा की है. मां गंगा से प्रार्थना की है कि जो यह शीतकालीन चारधाम यात्रा हम लोग प्रारंभ कर रहे हैं, इसको सफल बनाएं. लोगों को प्रेरणा प्रदान करें और ऐसी कृपा करें कि लोग आएं तो उनको आध्यात्मिक उपलब्धियां मिलें, पुण्य की प्राप्ति हो और आनंद मिले.

शीतकालीन यात्रा का बताया मकसद:ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि इस यात्रा मकसद ये बताना है कि भगवान तो सभी समय विराजमान रहते हैं. सब समय उनकी पूजा होती रहती है. 6 महीने पूजा करके 6 महीने भूल जाना यह थोड़ा ठीक नहीं है. इसलिए जो यात्रा सदा होती रहती है, उसको सदा होते रहना चाहिए. इस बात की ओर ध्यान दिलाना और जनता को आकृष्ट करना यही इस यात्रा का उद्देश्य है. सरकार को हमने इस संबंध में सूचना दे दी है. आमंत्रित कर दिया है. मुख्यमंत्री को भी बता दिया है. सब लोग प्रसन्न हैं.

यह रहेगा यात्रा का क्रम:ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जैसे यात्रा का क्रम रहता है, पहले यमुनोत्री, गंगोत्री, केदार और बदरीनाथ, इसी तरीके से जो शीतकालीन यात्रा है वह खरसाली, मुखबा, उखीमठ और जोशीमठ होती है. उसी क्रम से हम लोग यह यात्रा करेंगे. उत्तराखंड में जो चारधाम हैं, उनकी यात्रा करने का बहुत बड़ा पुण्य मिलता है. आप सब जानते हैं कि इस बात को लेकिन यह भ्रम आपके मन में हो गया है कि शीतकाल के 6 महीने यात्रा नहीं हो सकती है. इस भ्रम को तोड़ दीजिए. आप किसी भी समय वर्ष में चाहे वह शीतकाल हो चाहे वह ग्रीष्मकाल हो, यात्रा के लिए आइये. उत्तराखंड के चारधाम आपको आशीर्वाद देने के लिए सदैव विद्यमान हैं.
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Last Updated : Dec 27, 2023, 12:47 PM IST

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