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स्वामी आनंद स्वरूप ने उत्तराखंड में शराब और मांस पर प्रतिबंध लगाने की उठाई मांग, कहा- धर्मनगरी हरिद्वार से हो शुरूआत - Swami Anand Swarup

Swami Anand Swarup शंकाराचार्य परिषद के अध्यक्ष व शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप ने उत्तराखंड में शराब और मांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने सीएम धामी से इसकी शुरूआत हरिद्वार से करने की मांग की. साथ ही उन्होंने एक धर्म विशेष के लोगों को धार्मिक स्थलों के पास मस्जिदों को हिंदू धर्म के लोगों को सौंपने की बात भी कही.

Swami Anand Swarup
स्वामी आनंद स्वरूप

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2024, 11:41 AM IST

उत्तराखंड में शराब और मांस पर प्रतिबंध लगाने की उठाई मांग

हरिद्वार (उत्तराखंड):धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष एवं शांभवी धाम के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने देवभूमि उत्तराखंड में शराब और मांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी शुरुआत हरिद्वार से ही करनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि देश भर में जितने भी धार्मिक स्थलों के पास मस्जिदें हैं, उन मस्जिदों को हिंदू धर्म के लोगों को सौंप देना चाहिए, ताकि आपसी प्रेम सद्भाव बना रहे.

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, इसलिए यहां शराब और मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए. उन्होंने कहा कि हरिद्वार एक पवित्र तीर्थनगरी है. यहां पर शराब और मांस की बिक्री नहीं होनी चाहिए. इसलिए वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग करते हैं कि सरकार को इस अभियान की शुरुआत धर्मनगरी हरिद्वार से ही करनी चाहिए.स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश के मथुरा और अयोध्या में पूर्ण तरह शराबबंदी का निर्णय लिया गया है, जो स्वागत योग्य कदम है.
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देवभूमि में भी इसकी शुरुआत होनी चाहिए, सबसे पहले हरिद्वार के संपूर्ण जिले में शराब व मांस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. इन दिनों श्रीराम मंदिर को लेकर हर कोई उत्साहित है. हर कोई 22 जनवरी का इंतजार कर रहा है. श्रीराम मंदिर पर बोलते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि वह भी 22 जनवरी को रामलला के महोत्सव में अयोध्या जाएंगे. इसी के साथ उन्होंने धर्म विशेष के लोगों से मांग की है कि देश में जितने भी धार्मिक स्थलों के पास मस्जिदें हैं, उन मस्जिदों को हिंदू धर्म के लोगों को सौंप देना चाहिए, ताकि आपसी प्रेम सद्भाव बना रहे. इसकी शुरुआत अयोध्या से की जानी चाहिए. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि आपसी भाईचारे के लिए अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन को गुरुकुल बनाने के लिए दे देना चाहिए.

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