हैदराबाद: हमारे ब्रह्मंड के दो सबसे बड़े ग्रह गुरु एवं शनि की युति फिर से 14 सितंबर से मकर राशि मे होने जा रही है. गुरु अभी वक्री हैं और इसी उल्टी चाल से वह 14 सितंबर को मकर राशि मे प्रवेश करेंगे और 18 अक्टूबर तक वक्री रहेंगे उसके बाद फिर मार्गीय हो जाएंगे. इस दौरान मकर राशि में उपस्थित वक्री शनि के साथ युति बनाएंगे. यह योग ज्योतिष की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. इसका अच्छा एवं बुरा प्रभाव प्रत्येक राशि पर पड़ेगा. बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अमिताभ गौड़
किस राशि पर पड़ेगा कैसा असर ?
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए यह योग उनके दसवें भाव यानी कर्म भाव में बनेगा. गुरु वक्री होने के कारण ऐसे जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है. कार्य क्षेत्र में बड़े बदलाव हो सकते हैं, नौकरी में ट्रांसफर या नई पोस्टिंग हो सकती है. धन की दृष्टि से यह समय ठीक रहेगा. व्यापार से जुड़े लोग अभी कोई नया कार्य करने से बचें जब तक गुरु फिर से 18 अक्टूबर को मार्गीय ना हो जाये.
वृषभ राशि
यह युति उनके 9वें भाव मे बनेगी. लंबी दूरी की यात्राओं का संयोग बन सकता है. धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ सकती है. संतान पक्ष से कुछ अच्छी खबर आ सकती है. पिता के स्वास्थ्य को लेकर कुछ समस्याएं बन सकती हैं.
मिथुन राशि
इन जातकों के लिए यह युति उनके आठवें भाव मे होगी. प्रोफेशन से संबंधित बदलाव हो सकते हैं. कई लोग अपनी नौकरियां भी बदल सकते हैं. बैंकिंग और फाइनेंशियल क्षेत्र में कार्ये करने वालो के लिए यह समय अच्छा हो सकता है. अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें.
कर्क राशि
इन जातकों के लिए यह योग उनके सातवें भाव में बनेगा. जीवन साथी के साथ संबंधों एवं स्वास्थ्य को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. व्यापार वर्ग के लोगों को कर्ज लेने की आवश्यकता पड़ सकती है. समाज में अपनी छवि को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है.
सिंह राशि
यह योग छठे भाव मे बनेगा. जो लोग विदेश जाना चाहते हैं या फिर विदेश में जाकर नौकरी करना चाहते है तो यह समय उनके लिए अच्छा रहेगा. अपने स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी रखनी होगी. लिवर, कोलेस्ट्रॉल संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
कन्या राशि