गरियाबंदः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariyaband) जिले का शैलेंद्र (Shailendra) एक दिन का कलेक्टर (Collector) बना है. ये अनोखा मामला तब सुर्खियों में आया जब बालक शैलेन्द्र ने कलेक्टर बनने की इच्छा जाहिर की. शैलेंद्र प्रोजेरिया नामक लाइलाज बीमारी (Critical illness progeria) से ग्रसित है.
लाइलाज बीमारी से ग्रसित है शैलेन्द्र
बीमार शैलेन्द्र की कलेक्टर बनने की इच्छा थी. शैलेन्द्र की इच्छा जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) तक विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से पहुंची, तो इस लाइलाज बीमारी के बीच बालक की भावनाओं का सम्मान करते हुए सहृदयता दिखाते हुए ना सिर्फ इसके लिए सहमति दी. बल्कि खुद भी शैलेन्द्र से मिलना चाहा.
क्या है प्रोजेरिया बीमारी
प्रोजेरिया एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जो 2 करोड़ में से किसी 1 बच्चे को प्रभावित करती है. इस बीमारी में 10 साल का कोई बच्चा अपनी उम्र से 100 साल बड़ा दिख सकता है. बच्चों की उम्र बढ़ाने वाली इस दुर्लभ बीमारी को 'बेंजामिन बटन (Benjamin Button Disease) या 'प्रोजेरिया बीमारी (Progeria Disease) के नाम से जाना जाता है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ शैलेंद्र सीएम से भी होगी शैलेन्द्र की मुलाकात
आज बालक शैलेंद्र को जिला गरियाबंद में 1 दिन का कलेक्टर बनाया गया, इस दौरान शैलेंद्र अपने कलेक्टर वाले फोरम में नजर आये. इस बीच सभी कर्मचारी उनकी अगुवाई कर रहे थे. वहीं, आज ही दोपहर को मुख्यमंत्री से भी शैलेंद्र की मुलाकात होगी. शैलेन्द्र गरियाबंद जिले के छुरा के मेढ़की डबरी गांव (Medki Dabri Village) का रहने वाला है, जो अपनी जटिल और लाइलाज बीमारी के कारण 16 की उम्र में बुजुर्ग की तरह दिखता है. शैलेंद्र के शरीर पर अब झुर्रियां आने लगी हैं. सारे बाल झाड़ गए हैं. इसी को देखते हुए प्रशासन की ओर से भी सहृदयता दिखाते हुए शैलेन्द्र को आज 1 दिन का कलेक्टर बनाए जाने की अनुमति दी गई.
एक दिन के लिए कलेक्टर बनेगा दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चा बीमार बालक की सीएम से भेंट
छुरा विकासखंड में स्थित मेडकी डबरी के प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित है. उसकी इच्छ के अनुरूप प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरियाबंद कलेक्टर के रूप में 1 दिन के लिए गरियाबंद भेजा. उसके पहुंचते ही गरियाबंद के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने उनका कलेक्टर की तरह ही हाथ जोड़कर स्वागत किया. कलेक्टर ने बताया कि प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित 16 वर्षीय युवक मुख्यमंत्री से भी मिले.
वहीं बीमार बालक शैलेंद्र कुमार से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है कि वह 1 दिन के लिए कलेक्टर बने आज उनका वर्षों पुराना सपना पूरा हो रहा है. साथ ही उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री से उनके गांव के पास स्थित रपटा पर पुल बनाने की मांग करने की बात भी कही.
एक दिन के लिए कलेक्टर बनेगा दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चा बालक शैलेंद्र कुमार सीएम बघेल से की मुलाकात
बीमार बालक शैलेंद्र कुमार सीएम आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री बघेल द्वारा पूछे जाने पर शैलेन्द्र ने बताया कि उनकी उम्र 16 साल है और वे हाई स्कूल रसेला में 11वीं के छात्र हैं और भविष्य में कलेक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने शैलेन्द्र को कान्फ्रेंस में उपस्थित मंत्री रविन्द्र चौबे, ताम्रध्वज साहू और अधिकारीगण मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का परिचय कराया.
सीएम ने ढेर सारी चॉकलेट दिया
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान शैलेन्द्र से पूछा कि उन्हें ठेठरी, खुरमी पसन्द है या चॉकलेट. शैलेन्द्र की पसंद पर मुख्यमंत्री ने उसे खूब सारी चॉकलेट दी और अपने हाथों से मिठाई भी खिलायी. बघेल ने आईजी-एसपी समाप्त होने के बाद शैलेंद्र को न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में बुलाया और अपने बगल की कुर्सी में बिठाकर शैलेंद्र से बड़ी आत्मीयता के साथ बातचीत की. उन्होंने शैलेंद्र से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली.
मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों ने ताली बजाई
मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर शैलेंद्र ने जब बताया कि वह कक्षा 11वीं का छात्र है, तो मुख्यमंत्री ने इस बात पर उपस्थित लोगों से तालियां बजवाई. शैलेंद्र ने बताया कि उनके पिता बंशीलाल ध्रुव तथा मां रामकली ध्रुव खेती-किसानी करते हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने गरियाबंद पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर से शैलेंद्र का परिचय कराया.
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी में जिला कलेक्टर अक्षय कुमार ने एक बच्चे को अपनी कुर्सी पर बिठा लिया था. जनसुनवाई के दौरान कुछ बच्चे खेल संबंधी समस्या लेकर पहुंचे थे, लेकिन वह कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के सामने कुछ भी कहने से कतरा रहे थे. जिसके बाद कलेक्टर ने एक बच्चे को गोद में उठाया और उसे अपनी कुर्सी पर बैठा दिया था.