मथुरा:लगातार शाही ईदगाह बनाम श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला गर्माता जा रहा है. न्यायालय में लगातार शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर सुनवाई चल रही है. वहीं, दूसरी ओर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं. हिंदू महासभा ने मुस्लिम पक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले तलवार के दम पर औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर और ईदगाह बनवाई. अब ईदगाह को बचाने के लिए उसके वंशज न्यायालय में केस लड़ रहे हैं. मुस्लिम पक्ष के पास किसी भी तरह का कोई साक्ष्य नहीं है. सारे साक्ष्य हिंदू पक्ष के पास हैं. जल्द ही निर्णय हिंदू पक्ष में ही आएगा. औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर जघन्य पाप किया.
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हमने शासन-प्रशासन से होली पर असली गर्भ गृह में गुलाल लगाने और होली खेलने की अनुमति मांगी थी. लेकिन, शासन-प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. वहां तो केवल मुस्लिम पक्ष को ही नवाज पढ़ने की अनुमति है. हिंदू महासभा ने कहा कि हम शाही ईदगाह बनाम श्रीकृष्ण जन्म भूमि को लेकर राजनीति नहीं कर रहे. वे तो अपने कान्हा की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके साथ ही यमुना शुद्धिकरण का भी मुद्दा उठाया था. दिनेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने ऐलान किया था कि यमुना का एक ग्लास पानी कोई भी जनप्रतिनिधि पी ले तो वह उसे 51 हजार रुपये का इनाम देंगे.
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का यहां बहुत भव्य मंदिर था, जो भगवान श्रीकृष्ण के प्रपोत्र ने बनवाया था. उसको कई मुगल शासकों ने तोड़ा उसके बाद हिंदू राजाओं ने उसको बनाया तो फिर मुगल शासकों ने तोड़ा. इस तरह यह मंदिर कई बार टूटा और कई बार बनवाया गया. अंत में औरंगजेब आया और उसने तलवार के दम पर भव्य मंदिर को तोड़ दिया. तोड़कर जो भी ईंट, बजरी और सीमेंट था, उस सबको इकट्ठा करके उसके ऊपर ईदगाह बना दी. औरंगजेब ने हिंदुओं के साथ जो जघन्य पाप किया था, वह माफी योग्य नहीं है.