मुजफ्फरपुर:फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी समेत अन्य के खिलाफ शुक्रवार को मुजफ्फरपुर मानवाधिकार आयोग में सुनवाई हुई. इस दौरान उनके प्रतिनिधि भी शामिल हुए. हालांकि, सुनवाई के दौरान सभी को ओरिजनल दस्तावेज दिखाने को बोला गया है.
शाहरुख खान और लियोनेल मेस्सी मामले की सुनवाई: बताया जा रहा है कि दोनों के प्रतिनिधि वकालतनामा की फोटोकॉपी लाए थे. जिसपर अधिवक्ता एसके झा ने आपत्ति जताई. इसपर सभी को ओरिजनल कॉपी के साथ अगली तिथि 12 अप्रैल को आने का आदेश जारी किया गया है. 12 अप्रैल को आगे की सुनवाई होगी.
जिले के चर्चित शैक्षणिक संस्थान से जुड़ा है मामला:मामले में अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि जिले के चन्दवारा मोहल्ला निवासी मोहम्मद शमशाद अहमद ने अपने दो बेटों का नामांकन एक शैक्षणिक संस्थान मुजफ्फरपुर स्थित शाखा में कराया था. नामांकन के वक्त उनके द्वारा नामांकन शुल्क अदा किया गया. उनके बच्चों ने जितने दिनों तक संस्थान में अध्ययन किया, उसका पूरा शुल्क उनके द्वारा अदा किया गया.
पैसे देने के बाद भी लोन दिखाया गया:संस्थान के शैक्षणिक व्यवस्था से परिवादी के दोनों पुत्रों ने असंतुष्ट होकर संस्थान छोड़ने का फैसला किया. उसके बाद परिवादी के द्वारा संस्थान को लिखित सूचना दी गई. उसके बाद उनके बच्चों ने संस्थान जाना छोड़ दिया. कुछ दिनों के बाद परिवादी को पता चला कि उक्त संस्थान द्वारा उनके दोनों बच्चों के शैक्षणिक शुल्क के मद में दो अलग- अलग लोन कर दिया गया है.
30 अक्टूबर 2023 को परिवाद दाखिल: इसकी शिकायत परिवादी के द्वारा संस्थान से की गई, लेकिन परिवादी के मामले का निपटारा संस्थान के द्वारा नहीं किया गया. जिसके बाद परिवादी ने उनके द्वारा 30 अक्टूबर को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया. जिसपर आयोग के अध्यक्ष पीयूष कमल दीक्षित, सदस्य सुनील कुमार तिवारी और श्रीमति अनुसूया के पूर्ण पीठ के द्वारा मामले की सुनवाई की गई.
कुल सात विरोधी पक्षकारों को नोटिस हुआ जारी: फिल्म अभिनेता शाहरुख खान, फुटबॉलर लियोनेल मेसी व संस्थान के प्रबंध निदेशक समेत कुल सात विरोधी पक्षकारों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया. सभी विरोधी पक्षकारों को 12 जनवरी को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था. अब 12 अप्रैल को आगे की सुनवाई होगी.