कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक प्रत्येक महीने राज्य का दौरा करेंगे. पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं.
भाजपा के दोनों नेता चुनाव से पहले हर महीने पार्टी संगठन का जायजा लेने के लिए राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा करेंगे. घोष ने संवाददाताओं से कहा कि अमित शाह एवं जेपी नड्डा विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक हर महीने अलग-अलग राज्य के दौरे पर आएंगे. तारीखों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. उनके नियमित दौरों से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्द्धन होगा. पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह के हर महीने लगातार दो दिन दौरा करने की संभावना है, जबकि नड्डा की यात्रा तीन दिवसीय होगी.
'मिशन बंगाल' में जुटे अमित शाह और नड्डा, हर महीने करेंगे दौरा - केंद्रीय गृहमंत्री
पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा इसे मौके के तौर पर देख रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक प्रत्येक महीने राज्य का दौरा करेंगे.
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कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर बरसते हुए घोष ने कहा कि दोनों दलों को लोगों ने बहुत पहले खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने कांग्रेस, माकपा एवं तृणमूल कांग्रेस को मौका दिया. लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में तीनों दल नाकाम रहे हैं, इन उम्मीदों को अब भाजपा पूरा करेगी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश को पांच संगठनात्मक क्षेत्रों में विभाजित किया है और केंद्रीय नेताओं को उनका प्रभारी नियुक्त किया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सुनील देवधर, विनोद तावड़े, दुष्यंत गौतम, हरीश द्विवेदी एवं विनोद सोनकर को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर बंगाल, रढ़ बंगा(दक्षिण पश्चिम जिलों), नबाद्वीप, मिदनापुर, एवं कोलकाता संगठनात्मक क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया है. देवधर, तावड़े एवं सोनकर के संभवत: आज अपने संबंधित क्षेत्र में बैठक करने का कार्यक्रम है. पश्चिम बंगाल में सीमित उपस्थिति के बावजूद पिछले साल हुए लोक सभा चुनाव में 42 में से 18 सीट जीतकर भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी थी.