नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कई अधिवक्ताओं ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें एक रिकॉर्डेड मैसेज के साथ एक अंतरराष्ट्रीय कॉल आई है, जिसमें शीर्ष अदालत से पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक से जुड़े मामले को लेकर केंद्र सरकार की मदद नहीं करने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाजी एम. जाधव ने बताया कि एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्यों में से एक ने कॉल रिसीव किया है. घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि रिकॉर्ड किए गए संदेश में पिछले सप्ताह पीएम के मार्ग को अवरुद्ध करने की जिम्मेदारी भी ली गई है.
सूत्रों के मुताबिक, कई एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) को सुबह एक अज्ञात अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आए, जिसमें रिकॉर्डेड संदेश था कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने पंजाब में पीएम के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली है. रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा गया है कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के संबंध में शीर्ष अदालत ने पर्याप्त न्याय नहीं किया.
उच्चतम न्यायालय के वकीलों ने दावा किया है कि उनके मोबाइल फोन पर अंतरराष्ट्रीय नंबर से एक रिकॉर्डेड संदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें कथित तौर पर शीर्ष अदालत में सुरक्षा के मुद्दे को उठाकर मोदी शासन को मदद नहीं करने की अपील की गई है. वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने एक ट्वीट में कहा, सिख फॉर जस्टिस यूएसए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को भेजे गए ऑडियो को सावधानीपूर्वक लेना चाहिए. यह हरकत प्रचार से प्रेरित या दोषियों का बचाव करने के लिए एक धोखा हो सकती है. बावजूद इसके, यह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों/ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के लिए परोक्ष खतरा उत्पन्न करने वाला लगता है, इसलिए तत्काल इस मामले की एनआईए से जांच करवाई जानी चाहिए.