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राजस्थानः कुएं का गंदा पानी पीने से 119 ग्रामीण बीमार, बच्चे भी शामिल, अस्पताल में बेड पड़े कम - कुएं का गंदा पानी

राजस्थान के करौली जिले के करणपुर थाना इलाके के सिमारा गांव में कुएं का गंदा पानी पीने से 119 ग्रामीण बीमार हो (Several villagers hospitalised due to contaminated water) गए. इसमें महिला-पुरुषों सहित 39 बच्चे भी शामिल हैं. गंदा पानी पीने से ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत हो गई. करणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन मरीजों के इलाज के लिए बेड कम पड़ गए. इसके चलते एक बेड पर 6 बच्चों का इलाज करना पड़ा.

Several villagers hospitalised due to contaminated water, Hospital wards full after several villagers admitted
कुएं का गंदा पानी पीने से 119 ग्रामीण बीमार.

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Published : Jun 2, 2022, 10:07 PM IST

करौली. राजस्थान के करौली जिले के करणपुर थाना इलाके के गांव सिमारा में कुएं का गंदा पानी पीने से 119 ग्रामीण बीमार हो (Several villagers hospitalised due to contaminated water) गए. अचानक ही ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने लग गई. बीमार होने वालों में 43 महिला, 37 पुरुष और 39 बच्चे शामिल हैं. बीमार ग्रामीणों को जब करणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, तो वहां बेड कम पड़ गए.

मेडिकल टीम पहुंची गांव: अचानक सैकड़ों ग्रामीणों के बीमार होने की सूचना पर मेडिकल टीम मौके पर पहुंची और कुंए की जांच की, जिसमें जिंदा कीड़े मिले. स्वास्थ्य अधिकारियों ने ग्रामीणों को कुएं का गंदा पानी नहीं पीने की सलाह दी. इसके अलावा कुएं के पानी के सैंपल लिए गए हैं, जिसकी जांच की जाएगी. गांव में तीन कुएं हैं, जिनमें ब्लीचिंग पाउडर डाला गया है. फिलहाल जलापूर्ति के लिए गांव में पानी के टैंकर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. गांव में भी मेडिकल टीम भेजी गई है.

कुएं का गंदा पानी पीने से 119 ग्रामीण बीमार.

पढ़ें:Dungarpur: 24 से ज्यादा बच्चे उल्टी-दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

एक बैड पर तीन से 6 मरीजों का किया उपचार:अस्पताल के सभी वार्ड फुल हो (Hospital wards full after several villagers admitted) गए. जिस मरीज को जहां जगह मिली, वहीं ड्रिप चढ़ाकर उपचार किया गया. एक बेड पर तीन से 6 बच्चों का उपचार किया गया. चिकित्सक ने कहा कि पहली प्राथमिकता मरीज की उपचार कर जान बचाने होती है. अस्पताल के सभी वार्ड फुल हो गए. इसलिए एक बेड पर कई मरीजों को लिटाकर इलाज किया गया.

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