काठमांडू (नेपाल) : सुदूर-पश्चिम नेपाल के डोती जिले में बुधवार तड़के 6.6 तीव्रता के भूकंप के बाद कम से कम 6 लोगों के मारे जाने की खबर है. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र (एनएससी) ने कहा कि नेपाल के सुदूर-पश्चिम क्षेत्र ने पिछले 24 घंटों में तीन झटके दर्ज किए- दो भूकंप और एक आफ्टरशॉक. एनएससी के आंकड़ों के अनुसार कि 5.7 तीव्रता का पहला भूकंप मंगलवार को रात 9:07 बजे (स्थानीय समय) और उसके बाद रात 9:56 बजे (स्थानीय समय) पर 4.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया.
डोटी जिले के पूरबीचौकी गांव के परिषद-03 अध्यक्ष राम प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि बुधवार को (स्थानीय समय) करीब 2:12 बजे 6.6 तीव्रता का तीसरा जोरदार झटका लगा, जिससे एक घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई. गैरगांव से मौतों की सूचना है. भारत में नई दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भी झटके महसूस किए गए. इससे पहले 19 अक्टूबर को काठमांडू में 5.1 तीव्रता का भूकंप आया था.
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एनसीएस के मुताबिक भूकंप काठमांडू से 53 किलोमीटर पूर्व में दोपहर करीब 2:52 बजे आया. भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र (एनईएमआरसी) के अनुसार, 31 जुलाई को काठमांडू, नेपाल के 147 किमी ईएसई में सुबह 8.13 बजे खोतांग जिले के मार्टिम बिरता के आसपास 6.0 तीव्रता का भूकंप आया. पूर्वी नेपाल में 10 किमी पर भूकंप के केंद्र की गहराई की निगरानी की गई, जो 27.14 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 86.67 डिग्री पूर्वी देशांतर पर निर्धारित की गई थी.
इससे पहले 2015 में, मध्य नेपाल में अपनी राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता का एक उच्च तीव्रता वाला भूकंप आया था. अनुमान है कि इसमें 8,964 लोग मारे गए थे और 22,000 लोग घायल हुए थे.
भूकंप ने भी उत्तर भारत के कई शहरों को हिलाकर रख दिया. लाहौर, पाकिस्तान, तिब्बत के ल्हासा और बांग्लादेश के ढाका में भी झटके महसूस किए गए. नेपाल में हाल ही में आए भूकंपों ने जान-माल की अभूतपूर्व क्षति की है और ऐसी आपदाओं के प्रबंधन के लिए सुनियोजित नीतिगत उपायों को लागू करने को जरूरी बना दिया है. 1934 में नेपाल को सबसे खराब दर्ज भूकंप का सामना करना पड़ा था. 8.0 तीव्रता के इस भूकंप में काठमांडू, भक्तपुर और पाटन के शहरों को नष्ट कर दिया.