नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि चीन का अरुणाचल प्रदेश पर कोई दावा नहीं है. उन्होंने कहा कि चीनी मानचित्र बेतुके हैं, क्योंकि वे चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास के साथ मेल नहीं खाते हैं. उनकी प्रतिक्रिया चीन द्वारा आधिकारिक तौर पर अपने मानक मानचित्र 2023 जारी करने के कुछ घंटों बाद आई. इसमें अरुणाचल प्रदेश राज्य और अक्साई चिन क्षेत्र को उसके क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाया गया है.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, 'प्रधानमंत्री को इस पर गौर करना चाहिए. वह हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में गए थे और चीनी प्रधानमंत्री से मुलाकात की. अब यह नक्शा सामने आ गया है तो यह सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए. इससे हमारा दिल टूट जाता है. राहुल गांधी ने जो कहा वह सच है कि चीन ने लद्दाख में अतिक्रमण किया है. चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसने की कोशिश कर रहा है.'
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'चीनी दावे की बेतुकी बात चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से प्रमाणित होती है. आज भारत और चीन के बीच असली मुद्दा यह है कि चीनियों ने सीमा का उल्लंघन किया है.' कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी करना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा. चीन ने एलएसी के साथ 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिसे खाली करने की जरूरत है.
28 अगस्त को जारी मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश को दिखाया गया है, जिस पर चीन दक्षिण तिब्बत और अक्साई चिन होने का दावा करता है. जिसे 1962 के युद्ध में उसने कब्जा कर लिया था. नए नक्शे में ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी चीनी क्षेत्र में शामिल किया गया है. चाइना डेली अखबार के अनुसार, यह मानचित्र चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय द्वारा सोमवार को झेजियांग प्रांत के डेकिंग काउंटी में सर्वेक्षण और मानचित्रण प्रचार दिवस और राष्ट्रीय मानचित्रण जागरूकता प्रचार सप्ताह के उत्सव के दौरान जारी किया गया था.