बक्सर : बिहार के बक्सर में चौसा प्रखंड अंतर्गत महादेवा गंगा घाट पर एक बार फिर एक साथ चार शव गंगा नदी में दिखाई दिये. इसे कुत्ता अपना निवाला बना रहे हैं. बताया जा रहा है कि हीट वेव से हुई सैकड़ों मौत के बाद श्मशान में लगी भीड़ को देखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने शव को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया है. नदी में बहाव कम होने के कारण शव गंगा घाट पर आकर लग गए.
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याद आया कोरोना काल का मंजर:गंगा नदी में एक साथ चार-चार लाशों को देख लोग सहम गए हैं. जिलेवासियों को कोरोना काल का वह मंजर याद आने लगा. जब 10 मई 2020 को गंगा नदी में एक साथ सैकड़ों लाशें उपला रही थी. जीवनदायिनी गंगा शव दायिनी बनकर रह गई थी. बिहार सरकार इन लाशों को उतरप्रदेश की, तो उतरप्रदेश की सरकार इन शवों को बिहार का बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी थी, लेकिन मरने वाले लोग इसी हिंदुस्तान के थे. 3 साल बाद भी सरकार उनकी पहचान करने में नाकाम रही और ही मौत की वजह नहीं बता सकी.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग: गंगा घाट पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि यह वही गंगा घाट है. जहां कोरोना की दूसरी लहर में एक साथ सैकड़ों लाशें दिखी थी. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की खूब किरकिरी हुई थी. प्रशासनिक अधिकारियों ने रातों रात सभी शवों को नदी से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराने के बाद गंगा घाट पर ही जमीन में दफना दिया था. आज एक साथ फिर चार शव नदी घाट पर आकर लगी हुई है. भीषण गर्मी से बहुत सारे लोगों की मौत हुई है, लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर लोग हैं. वह नदी में शवों को प्रवाहित कर चले गए.
अधिकारियों को नहीं है खबर:इस संदर्भ में चौसा अंचलाधिकारी बृजबिहारी कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है. मामले को दिखवा रहे हैं. नदी में शव प्रवाहित करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. गौरतलब है कि भीषण गर्मी और हीटवेव से एक सप्ताह में सैकड़ों मौतें हुई है. श्मशान घाट पर वेटिंग चल रही है. वहीं अस्पतालों में शवों के बीच जिंदा इंसानों का इलाज हो रहा है. ऐसे में गंगा नदी में एक साथ चार लाश को देखकर लोग सहम गए हैं.
"इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है. मामले को दिखवा रहे हैं. नदी में शव प्रवाहित करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है" - बृजबिहार कुमार, अंचलाधिकारी, चौसा