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Published : Apr 1, 2022, 8:50 PM IST

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धमाकों से दहल रही बिहार की 'सिल्क सिटी', चार महीन में हो चुकी हैं 20 मौतें

बिहार के भागलपुर में धमाकों (Bhagalpur Blast) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले चार महीनों में सिल्क सिटी कई बार ब्लास्ट से दहल उठा है. सवाल उठ रहे हैं कि इन धमाकों के पीछे का कारण क्या है और आईबी अलर्ट के बाद क्या पुलिस सतर्क हुई है? पढ़ें कब-कब भागलपुर में हुए धमाके..

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पटना:भागलपुर में धमाकों की गूंज थमने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार को एक बार फिर से धमाकों ने लोगों को हिलाकर रख दिया. धमाका कचरे के ढेर में हुआ था. भागलपुर के नूरपुर पंचायत के नया टोला चौहद्दी गांव स्थित एक परती जमीन के कूड़े पर बम रखा हुआ था, जिसमें जोरदार धमाका हुआ. इससे पहले 3 मार्च को ततारपुर थाना क्षेत्र के काजीवलीचक मुहल्ले में ब्लास्ट (blast in bhagalpur bihar) होने से पूरा इलाका थर्रा गया था, 15 लोगों की मौत भी हो गई थी.

पिछले 4 महीनों में भागलपुर में हुए धमाके:सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या भागलपुर शहर बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है और शहर के अंदर जो लगातार धमाके हो रहे हैं वह महज संयोग है या फिर कोई सोची-समझी बड़ी साजिश है.बता दें कि पिछले 4 महीने में कई बार भागलपुर सिल्क सिटी ब्लास्ट से जल चुकी है. दिसंबर महीने में तीन धमाके सामने आए थे. 9 दिसंबर 2021 को नाथ नगर रेलवे स्टेशन से सटे कूड़ेदान के पास बम फटने से 40 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. दूसरी घटना 11 दिसंबर को हुई थी जिसमें मोमिन टोला में एक कनस्तर बम विस्फोट में 2 स्कूली बच्चे घायल हो गए थे. 14 दिसंबर को नाथनगर (Bomb Blast In Nathnagar) में ही टिफिन बम विस्फोट में 7 साल के बच्चे की मौत हुई थी. इसके 1 दिन बाद ही 15 दिसंबर को जगदीशपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव में खेत में दो जिंदा बम बरामद हुआ था.

3 मार्च की वो काली रात: इस दिन के धमाके ने पूरे देश को हिला दिया था. 3 मार्च को भागलपुर के ततारपुर थाना क्षेत्र के काजीवलीचक मुहल्ले में ब्लास्ट होने से पूरा इलाका थर्रा गया था. रात करीब 11 बजे यह ब्लास्ट हुआ और यह इतना जबरदस्त था कि पूरा घर जमींदोज होने के साथ आसपास के घर भी क्षतिग्रस्त हो गए. इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है और दर्जनभर लोग घायल हुए हैं. विस्फोट इतना भीषण था कि इसकी गूंज काफी दूर तक सुनाई पड़ी. घर में भीषण विस्फोट से पूरे शहर में हड़कंप मच गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी थी.

धमाकों से दहल रही बिहार कि 'सिल्क सिटी'

दो सालों में 30 घटनाएं: भागलपुर एसएसपी बाबूराम की मानें तो बम विस्फोट और बम बरामदगी से संबंधित मामलों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाकर छापेमारी का निर्देश दिया गया है. समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाती है. आपको बता दें कि साल 2021 और 2022 से अब तक कुल 30 घटनाएं घटित हुई हैं. जिनमें से 72 आरोपी में से 17 आरोपी की 21 कांडों में अब तक गिरफ्तारी सुनिश्चित हो पाई है. वहीं 9 मामलों में पुलिस आरोपी को नहीं ढूंढ पाई है. कहीं ना कहीं 55 आरोपी अब तक फरार चल रहे हैं, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.

2021 में भागलपुर में बम विस्‍फोट की घटनाएं:

  1. 17 फरवरी 2021 की रात नाथनगर स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म संख्या दो पर रेलवे पाया के सामने डेटोनेटर बम रख कर बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश की गई थी. देर रात स्‍थानीय पुलिस और बम निरोधक दस्ता की टीम ने बम को डिफ्यूज कर दिया था. हालांकि, इस मामले में गिरफ्तारी को लेकर अब तक रेल पुलिस के हाथ खाली ही हैं.
  2. मधुसूदनपुर इलाके के नूरपुर में छह दिसंबर 2021 की रात्रि करीब साढ़े 10 बजे कोचिंग संचालक जीत सिंह राणा पर बदमाशों ने बम से हमला कर दिया था. इस मामले में गिरफ्तारी तो दूर, पुलिस किसी को पहचान तक नहीं पाई.
  3. नौ दिसंबर 2021 को नाथनगर स्टेशन से महज दो सौ मीटर की दूरी पर रेलवे ट्रैक पर बम विस्‍फोट हो गया था, इसमें एक अधेड़ की मौत हो गई थी। इस मामले में अज्ञात पर केस दर्ज कर मामले की जांच की बात कही गई थी, लेकिन आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
  4. 11 दिसबंर 2021 को नाथनगर के मोमिन टोला में बम फटने से दो बच्‍चे घायल हो गए. इस मामले में पुलिस ने त्‍वरित कार्रवाई करते हुए कुख्यात चांद मियां को नामजद किया था. 31 जनवरी 2022 को उसने कोर्ट में सरेंडर किया. नाथनगर पुलिस ने रिमांड पर लेकर उससे कड़ी पूछताछ भी की थी.
  5. 13 दिसंबर 2021 को नाथनगर के मकदूम शाह दरघाट घाट पर बम धमाके में एक बच्‍चे की मौत हो गई. बम निरोधक दस्ता ने मौके पर पहुंच पांच टीपिन बम को डिफ्यूज भी किया था. पुलिस ने एक आरोपित सन्नी तांती को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

2019 को भागलपुर में धमाका:12 मार्च 2019 को कबीरपुर इलाके में बम विस्‍फोट हुई थी. इसके अलावा 10 जनवरी 2020 को नूरपुर ब्लॉक रोड में खूब बमबाजी हुई थी. धमाकों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा. पटाखा फैक्टियों के कारण हो रहे धमाकों से पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है. हालांकि आज तक पुलिस के हाथ कई मामलों में खाली हैं.

2018 में यहां हुआ था धमाका:2 जनवरी 2018 को नाथनगर थाना क्षेत्र स्थित वार्ड पार्षद नीतू सिंह की जमीन पर बम फटने से एक मजदूर घायल हो गया था.वहीं तीन जनवरी 2018 को भी नाथनगर में ही पार्षद की जमीन पर बम मिले थे. इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. 21 मार्च 2018 को नाथनगर के एसआर स्कूल के खंडहर में झाड़ी में बम विस्फोट हुआ था, इसमें एक बच्‍चा गंभीर रूप से जख्‍मी हो गया था.

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2016 में भी दहला था जिला: 16 दिसबंर 2017 को नाथनगर के रामपुरखुर्द हरिजन टोला में खेलने के दौरान बम फटने से एक बच्चा घायल हो गया था. 29 दिसबंर 2017 को नाथनगर के मुख्‍या बाजार में अपराधियों ने दिनदहाड़े बमबाजी की थी. लेकिन इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी.

रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह ने कहा:रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह की मानें तो भागलपुर बारूद के ढेर पर है. आईबी के अलर्ट के बावजूद भी भागलपुर पुलिस मुस्तैद नहीं हुई है, जिस वजह से लगातार इस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं. स्थानीय पुलिस एटीएस या यूं कहें सुरक्षा एजेंसी बम विस्फोट का एंगल ढूंढने में लगी है. लगातार हो रहे भागलपुर ब्लास्ट के बाद आतंकी साजिश या संयोगवश इस तरह के बम विस्फोट को लेकर जांच भी की जा रही है. सवाल यह भी उठ रहा है कि आईबी के अलर्ट के बावजूद भी क्या पुलिस सतर्कता नहीं बरत रही है?

"पिछले 2 सालों में भागलपुर सिल्क सिटी में भारी मात्रा में बम डेटोनेटर मिल रहा है. हाल ही में भागलपुर में हुए ब्लास्ट मामले में 15 लोगों की मौत हुई है. लगातार भागलपुर में बम मिल रहा हैं जो बड़ी साजिश की ओर इशारा करता हैं. पहले भी कई अधिकारियों ने बताया था कि भागलपुर ब्लास्ट का कनेक्शन बंगाल झारखंड और उत्तर प्रदेश से हो सकता है. हालांकि पहले घटित हुई घटनाओं को लेकर एसआईटी ने किसी भी साजिश से इंकार कर दिया था. एसआईटी की जांच में पता चला था कि यह पटाखा के लिए सामग्री एकत्रित की गई थी जो कि गर्मी की वजह से फट गया था. मैं पुलिस के बयान से सहमत नहीं हूं. इस तरह की घटनाएं लगातार घटित हो रही हैं. इसमें कहीं ना कहीं आतंकी या देश विरोधी गतिविधि शामिल हैं."- ललन सिंह रक्षा विशेषज्ञ

IB का अलर्ट फिर भी धमाके:दरअसल आईबी को इनपुट मिली थी कि आतंकी टिफिन बम का इस्तेमाल जानमाल को नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं. भागलपुर गोपालगंज में ब्लास्ट के बाद जिस तरह से विस्फोटक पदार्थ और चार से पांच की संख्या में प्रेशर कुकर बरामद किया गया था, इससे कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं. आईबी के अलर्ट के पीछे कहीं ना कहीं बड़ा कारण यह भी है कि भागलपुर में पिछले दिनों कचरे के अंबार में बम विस्फोट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. तो वहीं बांका (Banka Blast) के बाद दरभंगा (Darbhanga Blast) में हुए बम ब्लास्ट का भी आतंकी कनेक्शन सामने आ चुका है.

केंद्रीय जांच एजेंसी आईबी ने पहले भी भागलपुर और राज्य के अन्य जिलों को लेकर अलर्ट किया था. इसके बावजूद इस तरह की घटना घटित हुई है. हालांकि भागलपुर के एसएसपी ने कहा था कि उन्हें किसी तरह का अलर्ट नहीं मिला है. आईबी ने भागलपुर में हो रहा है बम धमाकों को लेकर यहां तक कहा था कि बांका दरभंगा या अन्य जिले में हुए बम धमाकों का कनेक्शन से इसकी जांच होनी चाहिए.

बिहार में अब तक हुए धमाके:छापेमारी के दौरान जो सिल्वर रंग का बारूद मिला है वह काफी खतरनाक है. यह सारा बारूद प्रेशर कुकर में रखा हुआ था. जाहिर है कि पटाखे की आड़ में कहीं ना कहीं किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी थी. जिसकी जांच एफएसएल द्वारा की जा रही है. बिहार में धमाकों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालिया महीनों में बिहार में हुए धमाके की बात करें तो बांका जिले के एक मदरसे में बड़ा धमाका हुआ था. इस धमाके में गंभीर रूप से घायल मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोबिन की महज चंद मिनटों में मौत हो गई थी. इसके बाद बीते वर्ष भागलपुर जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में टिफिन बम से लेकर केन बमों और सुतली बमों के मिलने का सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा था. भागलपुर पुलिस और FSL की तरफ से सभी मामलों की जांच की जा रही है.

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अवैध पटाखा फैक्ट्रियां बनीं सिर दर्द:पटाखा बनाने के लिए सोडियम नाइट्रेट सल्फर और गन पाउडर (Bhagalpur Gunpowder Blast) आदि का इस्तेमाल होता है. इससे बड़े और घातक बम (Gopalganj gunpowder blast) भी बनाए जा सकते हैं. लिहाजा कहा जा रहा है कि आपराधिक तत्व और आतंकी इसका फायदा उठा सकते हैं. जिसके बाद आईबी ने सभी जिले की पुलिस को अवैध पटाखा फैक्ट्रियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा है. आइबी ने आशंका जताई है कि पाक समर्थित आतंकी संगठन पहले से स्थानीय सप्लाई चैनल को नेटवर्क तैयार करने में लगे हुए हैं. जिससे किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जा सके. इसके बावजूद धमाकों का सिलसिला जारी है और लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.

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