नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में सुरम्य पैंगोंग त्सो के शांत पानी के उत्तरी और दक्षिणी तट पर एशिया की दो सबसे बड़ी सेनाओं की पैदल टुकड़ी और बख्तरबंद कोर के सैनिक 10 दौर की वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता के बाद पीछे हटकर मंगलवार से एक-दूसरे से 500 मीटर की दूरी पर तैनात हो गए हैं.
घटनाक्रम से परिचित एक आधिकारिक सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया कि 10 फरवरी तक दोनों देशों के बीच करीब 30-40 मीटर की दूरी थी, तब तक दोनों सेनाएं खतरनाक रूप से नजदीक थीं. वे खतरनाक रूप से करीब थे और कुछ भी हो सकता था. लेकिन अब सेनाओं ने अपने कदम पीछे हटा लिए हैं और लगभग 500 मीटर की दूरी बना ली है. इसने आईबॉल-टू-आईबॉल फेसऑफ की स्थिति को टाल दिया है. लेकिन, 10 राउंड की वार्ता की सफलता के क्या मायने हैं. तथ्य यह है कि किसी भी स्थिति में गलवान जैसी हिंसक घटनाओं को रोका जाए.
बातचीत से बनी बात
उन्होंने कहा कि कमांडर स्तर की सैन्य वार्ता भारत-चीन वार्ता का सिर्फ एक आयाम है. भारत-चीन सीमा मामलों के लिए परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली स्तर, एनएसए स्तर पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता, और सबसे महत्वपूर्ण बात, बैक चैनल राजनीतिक स्तर की वार्ता जो विभिन्न स्तरों पर किसी भी समय अक्सर होती हैं, से बात आगे बढ़ी.
सेना के विघटन की बात दस राउंड की वार्ता के बाद सामने आई. पहले 6 जून, 22 जून, 30 जून, 14 जुलाई, 2 अगस्त, 21 सितंबर, 12 अक्टूबर, 6 नवंबर, 24 जनवरी और 20 फरवरी को भारतीय और चीनी पक्ष के बीच वार्ता हुई.