नई दिल्ली :कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India, SII) ने अपने टीके से जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं के मामले में किसी भी क्षतिपूर्ति या मुआवजे के दावों से कानूनी सुरक्षा मांगी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसके लिए कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से मांग की गई है. माना जा रहा है कि भारत सरकार फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी कंपनियों को इस तरह का संरक्षण दे सकती है. कोरोना वैक्सीन को भारत में लाने से पहले ये कंपनियां कानूनन सुरक्षा की मांग कर रहीं हैं.
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सूत्रों के मुताबिक, अगर विदेशी कंपनियों को किसी क्षतिपूर्ति या मुआवजे के दावे से छूट मिल रही है तो फिर सिर्फ सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ही क्यों बल्कि वैक्सीन बनाने वाली सभी कंपनियों को इससे छूट मिलनी चाहिए.
बता दें कि, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने जून में कोविशील्ड टीके की नौ से 10 करोड़ खुराकों के उत्पादन एवं आपूर्ति करने के बारे में सरकार को सूचित किया है. राज्यों की ओर से कोविड-19 टीके की कमी की शिकायत के बीच आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी थी.
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह को भेजे गए एक पत्र में एसआईआई ने कहा कि महामारी के कारण खड़ी हुई चुनौतियों के बावजूद उसके कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं.
एसआईआई में सरकारी एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने पत्र में कहा, हमे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हम जून के महीने में कोविशील्ड टीके की नौ से 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन एवं आपूर्ति करने में सक्षम होंगे जोकि मई में हमारी उत्पादन क्षमता 6.5 करोड़ खुराकों की तुलना में अधिक है.
उन्होंने कहा, 'हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि भारत सरकार के समर्थन और आपके मार्गदर्शन में हम आने वाले महीनों में भी टीका उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए अपने संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं.'