हरीश रावत ने भाजपा को लेकर की बड़ी टिप्पणी. हरिद्वार (उत्तराखंड):लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कसनी शुरू कर दी है. उत्तराखंड की लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदेशभर में सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. इसी क्रम में हरिद्वार में कांग्रेस सदस्यता ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य मौजूद रहे. इस दौरान हरीश रावत ने भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए भाजपा को पाकिस्तान का जनक बताया.
रविवार को हरिद्वार में कांग्रेस के ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर के द्वारा कांग्रेस सदस्यता ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. समारोह में हरिद्वार के सैकड़ों युवाओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. हरीश रावत ने सभी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाते हुए उनका मार्गदर्शन किया.
पाकिस्तान का जनक: हरीश रावत ने कांग्रेस के नए सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 को मजाक में मत लेना. सभी सदस्य 2024 को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कांग्रेस के लिए जी तोड़ मेहनत करें. कार्यक्रम के दौरान हरीश रावत ने भाजपा पर भी कई तंज कसे. वहीं, कार्यक्रम के अंत में हरीश रावत ने मीडिया से बात की. उन्होंने बातों-बातों में भाजपा पर बहुत बड़ा हमला बोला.
उन्होंने कहा, 'मुसलमानों के लिए अलग देश (पाकिस्तान) की बात सबसे पहले वीर सावरकर ने कही थी और सावरकर को भाजपा अपना इष्ट मानती है'. उन्होंने आगे कहा, 'मोहम्मद अली जिन्ना ने सावरकर से ही 'पाकिस्तान' शब्द लिया था, क्योंकि मोहम्मद अली जिन्ना जो थे वे सावरकर के मानस पुत्र थे, भारत के विभाजन के संबंध में जहां तक सवाल है'.
ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड कांग्रेस को बड़े नेताओं का इंतजार, माहरा बोले- BJP की खिसक रही जमीन, नैरेटिव सेट करने आ रहे नेता
बचते नजर आए यशपाल आर्य: वहीं, कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य, हरीश रावत के 'भाजपा को पाकिस्तान का जनक' बताने वाले बयान से बचते नजर आए. उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा, 'विभाजन हुआ, वो इतिहास के पन्ने पुरानी बातें हैं. लेकिन आज भारत सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है. भारत, एक कौम, एक धर्म, एक जाति का नहीं है. भारत सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है. हम उसे उसी भाव में देखना चाहते हैं.