हैदराबाद :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है. सोशल मीडिया पर तमाम राजनेता और समर्थक उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते नजर आ रहे हैं. लेकिन अन्य सभी मुद्दों पर सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता इस बार अपने ही मुख्यमंत्री को ट्विटर पर बधाई देने से बचते नजर आएं.
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर कोई बधाई संदेश नहीं दिया. प्रधानमंत्री मोदी पिछले कई वर्षों से योगी आदित्यनाथ को सुबह ही जन्मदिन की बधाई देते रहे हैं. लेकिन इस बार दिन बीत जाने पर भी उनका कोई ट्वीट नहीं आया.
उनके अलावा हमने गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल भी देख लिया. ये सभी शीर्ष नेता शायद भाजपा के फायर ब्रांड मुख्यमंत्री को ट्विटर पर बधाई देना भूल गए.
यहां तक कि भाजपा के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी योगी को कोई बधाई संदेश नहीं गया है.
हालांकि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा योगी आदित्यनाथ को फोन पर बधाई देने की खबरें हैं.
वहीं भाजपा के अन्य शीर्ष नेता जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, हेमंत बिस्वा शर्मा आदि ने जरूर योगी को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट किया.
कोरोना की दूसरी लहर के बाद से ही उत्तर प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर पूरी दुनिया में देखी गई. गंगा में बहती लाशों और घाटों किनारे दफ्न शवों पर योगी सरकार की काफी बदनामी हुई. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस बात से पूरी तरह से इंकार किया कि राज्य में किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई कमी है.
भाजपा नेतृत्व के समक्ष 2022 बड़ी चुनौती
उत्तर प्रदेश में इस समय मंत्रिमंडल और बीजेपी संगठन में फेरबदल की अटकलें तेज हैं. बीजेपी के दिग्गज नेता लगातार बैठक कर रहे हैं. इन सबके कारण कई तरह की अफवाहें भी उड़ रही हैं. जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों पर केंद्रीय आलाकमान योगी के विकल्पों पर भी विचार कर सकता है. हालांकि पार्टी नेताओं ने इसे शरारतपूर्ण अफवाह बताया है.
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जानकारों की मानें तो शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की है. कोविड प्रबंधन से लेकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर पार्टी नेतृत्व ने मंथन किया है. राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि भाजपा और योगी सरकार के सामने चुनाव में जाने के लिए अब एक साल से भी कम वक्त बचा है.
पूर्व नौकरशाह के कारण पीएम की नजर में खटक रहे योगी
इसके अलावा कुछ पीएम मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह शर्मा के बारे में सत्ता के गलियारे से अब एक नई सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. बताया जा रहा है कि शर्मा की सरकार में एंट्री में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे बड़ी रुकावट बनकर उभरे हैं. बीजेपी का एक धड़ा दावा करता है कि अगर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो एके शर्मा को कैबिनेट मंत्री जरूर बनाया जाएगा. उन्हें गृह, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और एमएसएमई जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं.
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वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल अभी अगले 15 दिनों तक विस्तार की कोई बात ही नहीं है. यदि विस्तार होता है तो एके शर्मा उसमें शामिल किए जाएंगे. रही बात विभाग की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से कतई सहमत नहीं हैं कि शर्मा को गृह विभाग या स्वास्थ्य विभाग दिया जाए. वह इसके पीछे का कारण बताते हैं कि मुख्यमंत्री का मानना है कि अगर गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग शर्मा को दिया जाएगा तो लोगों के बीच यह संदेश जाएगा कि मौजूदा सरकार कोरोना और कानून-व्यवस्था को संभालने में असफल रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी छवि खराब नहीं होने देना चाहेंगे.