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तमिलनाडु: वुम्मिदी परिवार ने कहा- सेंगोल का उल्लेख संग्रहालय के रिकॉर्ड में सुनहरी छड़ी के रूप में किया गया

संसद में रखा गया राजदंड 1947 में थिरुवदुथुराई अथीनम द्वारा बनाया गया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू को सौंप दिया गया था. तमिलनाडु के वुम्मिदी बंगारू परिवार के सदस्य अमरेंद्रन वुम्मिदी ने कहा कि संग्रहालय से इसे ढूंढकर संसद में रखना खुशी की बात है.

Etv Bharatscepter turned into a walking stick - the story told by the Vummidi family
Etv Bharatतमिलनाडु: वुम्मीदी परिवार ने कहा, सेंगोल का उल्लेख संग्रहालय के रिकॉर्ड में सुनहरी छड़ी के रूप में किया गया

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Published : May 28, 2023, 2:28 PM IST

चेन्नई:वुम्मिदी बंगारू चेट्टी ज्वेलर्स की ओर से सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किए जाने पर खुशी जताई गई है. वुम्मिदी बंगारू चेट्टी ज्वेलर्स की ओर से अमरेंद्रन वुम्मिदी ने 1947 में बने राजदंड के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जब भारत को आजादी मिली तब मेरे दादा और परदादा एथीराजुलु ने वुम्मिदी बंगारू में तिरुवदुथुराई अथीनम के अनुरोध के अनुसार राजदंड बनाया. थिरुववदुथुराई अथीनम ने इसे ले लिया और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दे सौंप दिया.

परिवार की ओर से कहा गया कि जवाहरलाल नेहरू को सौंपे जाने के बाद इसकी कोई जानकारी नहीं है. इसके बारे में हमें इलाहाबाद संग्रहालय में 'सुनहरी छड़ी' के बारे में मिली. फिर हमने वीडियो के जरिए इसकी जानकारी दी. मुझे खुशी है कि नए संसद भवन में इसे स्थापित की गई. केंद्र सरकार के आमंत्रण पर हमारे परिवार के 15 सदस्य उद्घाटन समारोह में भाग ले रहे हैं.

वुम्मिदी बंगारू कंपनी द्वारा 1947 में बनाया गया राजदंड लगभग 5 फीट लंबा और वजन डेढ़ से दो किलोग्राम के बीच है. राजदंड को 10, 12 व्यक्तियों ने मिलकर बनाया था. हमने एक राजदंड बनाया और उसे थिरुववदुथुरै अथीनम को दे दिया. मेरे परदादा एथीराजुलु और दादाजी ने इसे बनाते समय राजदंड के डिजाइन को सुनिश्चित किया.

उन्होंने नंदी की मूर्ति में मामूली बदलाव करने को भी कहा है. लक्ष्मी की मूर्ति भी उन्हीं की सलाह के अनुसार बनाई गई है. यह राजदंड सोकार्पेट में हमारे आभूषण निर्माण संयंत्र में बनाया गया है. उनके परदादा जो 98 वर्ष के हैं, यह जानकर भी खुश हैं कि राजदंड नए संसद भवन में रखा जाएगा. वुम्मिदी बंगारू परिवार तमिलनाडु में वेल्लोर के पास गुडियाथम के रहने वाले हैं. उनके परिवार ने चौकरपेट, चेन्नई में पहली ज्वैलरी वर्कशॉप शुरू की और आज यह चेन्नई की प्रसिद्ध ज्वैलरी बेचने और बनाने वाली कंपनियों में से एक है. न केवल चेन्नई में बल्कि बेंगलुरु में भी, वुम्मीदी परिवार के आभूषण स्टोर हैं.

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