इंफाल:पूर्वोत्तर राज्य के नगा-आबादी वाले इलाकों में ‘यूनाइटेड नगा काउंसिल’ की नौ अगस्त को प्रस्तावित रैलियों से पहले पूरे मणिपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. कार्यढांचा समझौते के आधार पर केंद्र के साथ शांति वार्ता को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए दबाव बनाने के वास्ते इन रैलियों का आयोजन किया जा रहा है. यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने एक बयान में कहा कि बुधवार सुबह 10 बजे से तामेंगलांग, सेनापति, उखरूल और चंदेल जिलों के जिला मुख्यालयों में रैलियां आयोजित की जाएंगी.
उसने कहा, 'अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने में अत्यधिक देरी चिंता का कारण है और इससे शांति वार्ता पटरी से उतरने की आशंका है.' प्रभावशाली नगा संस्था यूएनसी ने सभी नागाओं से बड़ी संख्या में रैलियों में भाग लेने की अपील की है. इसमें कहा गया है कि तीन अगस्त 2015 को केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच ऐतिहासिक कार्यढांचा समझौते पर हस्ताक्षर के साथ शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है.
इस मुद्दे का समर्थन करते हुए, कुकी जनजातियों की शीर्ष संस्था कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम) ने मणिपुर के सभी नागा-बसावट वाले क्षेत्रों में सामूहिक रैली को अपना समर्थन दिया है. केआईएम ने एक बयान में कहा, 'ऐसे महत्वपूर्ण समय में जब मणिपुर के जनजातीय कुकी लोगों को राज्य मशीनरी द्वारा गुप्त रूप से सहायता प्राप्त और प्रोत्साहित बहुसंख्यक मेइती के जातीय सफाए का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, कुकी इंपी मणिपुर ने यूनाइटेड नगा काउंसिल की प्रस्तावित सामूहिक रैली का पूरी तरह से समर्थन किया है.'