चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. राज्यभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब डी' के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस ने सर्च अभियान शुरू कर दिया है. अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में अमृतपाल सिंह के आवास के बाहर भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. राज्य में इंटरनेट सेवा सोमवार दोपहर तक बंद कर दी गई है. इधर, पंजाब पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स ने जालंधर में फ्लैग मार्च किया है.
पुलिस के अनुसार इस बीच खालिस्तानी हमदर्द संगठन प्रमुख फिलहाल फरार है. इससे पहले शनिवार देर शाम जालंधर के आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने पुष्टि की कि कट्टरपंथी नेता को 'भगोड़ा' घोषित किया गया. एक इंटरव्यू में जालंधर कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कहा वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की दो कारों को जब्त कर लिया गया और बंदूकधारियों को पकड़ लिया गया. हमने यह भी जांचा कि क्या उनके सुरक्षा कर्मियों के हथियारों को कानूनी रूप से खरीदा गया है या नहीं. कमिश्नर ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है. पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिये हैं. उम्मीद है कि अमृतपाल सिंह को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
सोमवार दोपहर तक इंटरनेट सेवा बंद: पंजाब में अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा रविवार को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है, "भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2जी/3जी/45/5जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को 19 मार्च (दोपहर 12 बजे) से 20 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक के लिए निलंबित किया जाएगा, ताकि हिंसा भड़का सकने और शांति एवं सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकने वाली हर प्रकार की घटना को रोका जा सके." आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है, ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहें. इस बीच, अमृतसर में अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई.
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह का आरोप:अमृतपाल के पितातरसेम ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. तरसेम सिंह ने कहा, "(उसके बारे में) कल से कोई जानकारी नहीं है. हमें लग रहा है कि उसे पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है." उसने कहा, "डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उसने (अमृतपाल) कुछ गलत नहीं किया है." तरसेम ने कहा कि अमृतपाल युवाओं को नशीले पदार्थों से दूर कर रहा था.
पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने रविवार को जालंधर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (अमृतपाल) अब भगोड़ा है और हम उसकी तलाश कर रहे हैं तथा उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे." जब चहल से सवाल किया गया कि अमृतपाल के सहयोगियों को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद वह अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है, तो क्या किसी प्रकार की 'चूक' हुई है, इसके जवाब में पुलिस आयुक्त ने कहा कि जांच में किसी प्रकार की चूक नहीं हुई है. उन्होंने कहा, "यह चोर और सिपाही का खेल है. वे कभी-कभी बच निकलते हैं, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लेंगे." यह पूछे जाने पर कि अमृतपाल भागने में कैसे सफल रहा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चहल ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने अमृतपाल के वाहन का पीछा किया. उन्होंने कहा, "उसके (अमृतपाल) वाहन का 20 से 25 किलोमीटर तक पीछा किया गया। वह (उसका वाहन) आगे था और स्वाभाविक रूप से, उसे इसका लाभ मिला. संकरी गलियां थीं और वह किसी तरह अपना वाहन बदलकर भाग गया." उन्होंने कहा कि अमृतपाल से संबंधित दो वाहनों को जब्त कर लिया गया है. पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल के नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे' (डब्ल्यूपीडी) से जुड़े लोगों के खिलाफ 'बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेराबंदी और तलाश अभियान (सीएएसओ)' शुरू किया था. अमृतपाल के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पुलिस के अनुसार, अभियान के दौरान अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. पुलिस की यह कार्रवाई अमृतपाल सिंह के धार्मिक जुलूस ‘खालसा वाहिर’ के मुक्तसर जिले से शुरू होने से एक दिन पहले हुई है. पुलिस ने बताया कि राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक .315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक, पंजाब में कई जगहों पर वाहनों की तलाशी लेने के साथ ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि डब्ल्यूपीडी से जुड़े लोग विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने से संबंधित चार आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को अजनाला थाने पर हमले के लिए डब्ल्यूपीडी तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पिछले महीने, अमृतपाल और उसके समर्थकों ने तलवारें और बंदूकें लहराते हुए अवरोधकों को तोड़ दिया था और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाना में घुस गए थे. वे सभी अमृतपाल के एक सहयोगी की रिहाई की मांग कर रहे थे. इस घटना में एक पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. घटना के बाद राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था और उस पर चरमपंथियों के सामने झुकने का आरोप लगाया गया था. दुबई में रह चुके अमृतपाल सिंह को पिछले साल 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया था, जिसकी स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी. दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी.
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