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Goa Assembly Election: जातिगत राजनीति की ओर बढ़ चला सेक्युलर गोवा, जानें कैसे? - भारत में चुनाव जातिगत समीकरण के आधार पर

गोवा विधानसभा चुनाव अब जोरों (Goa assembly elections now in full swing) पर हैं. गोवा विधानसभा के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कुल 40 निर्वाचन क्षेत्रों में से 18 निर्वाचन क्षेत्रों में भंडारी समुदाय का दबदबा (Bhandari community dominated in 18 constituencies) है. अब यहां भी नए समीकरणों को अपनाया जा रहा है क्योंकि आप ने भंडारी समुदाय से मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा की है. चर्चा शुरू हो गई है कि क्या अब गोवा चुनाव जातीय गणित पर (Goa election on caste math) आधारित होगा?

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गोवा विधानसभा चुनाव

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Published : Jan 29, 2022, 7:37 PM IST

पणजी :कहा जाता है कि भारत में चुनाव जातिगत समीकरण के आधार (Elections in India on the basis of caste equation) पर लड़ा जाता है. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में यह समस्या विकराल है. हालांकि गोवा जैसे छोटे से राज्य में जाति के आधार पर चुनाव लड़ने की ज्यादा चर्चा नहीं होती है.

हालांकि इस साल गोवा की कुल 40 सीटों में से 18 सीटों पर ओबीसी समुदाय भंडारी को प्रभावित करने की चर्चा है. इसे देखकर आप नेता अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के लिए भंडारी समाज के उम्मीदवार के चेहरे की घोषणा की और नया पांसा फेंका. इसलिए जबकि गोवा चुनाव अब जाति के आधार पर लड़े जा रहे हैं, यह देखना महत्वपूर्ण है कि इन 18 निर्वाचन क्षेत्रों में किस पार्टी ने कितने भंडारी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

इन क्षेत्रों में भंडारी समुदाय का दबदबा

गोवा में मांड्रे, शिरोडा, शिवोली, पोंडा, सालेगांव, मर्मुगोवा, दाभोली, म्हापसा, तालेगांव, माये, वापई, कंडकोर, मडकाई, संगी, कुथली, पेडने, सावरदे और कुरचडे निर्वाचन क्षेत्रों में भंडारी समुदाय प्रमुख हैं. इसलिए अगर इन निर्वाचन क्षेत्रों से भंडारी समुदाय के उम्मीदवार जीत जाते हैं तो मुख्यमंत्री पद के लिए और समग्र सत्ता हासिल करने के लिए भंडारी समुदाय के आक्रामक होने की संभावना है.

AAP ने सिर्फ चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे

आप ने अमित पालेकर को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. हालांकि भंडारी समुदाय के नेता अशोक नाइक का कहना है कि केजरीवाल ने भंडारी समुदाय के 18 में से केवल 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर भंडारी समुदाय की भावनाओं को कुछ हद तक आहत किया है. आप ने दाभोली निर्वाचन क्षेत्र से बाबू नानुस्कर, तलेगांव निर्वाचन क्षेत्र से एडवोकेट अमित पालेकर, माये निर्वाचन क्षेत्र से राजेश कलांगुटकर और वापई निर्वाचन क्षेत्र से सत्य विजय नाइक को मैदान में उतारा है.

भाजपा ने 6 व कांग्रेस ने 3 प्रत्याशी उतारे

भारतीय जनता पार्टी ने 6 निर्वाचन क्षेत्रों में भंडारी समुदाय के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. इनमें मांड्रे, शिरोली, सालेगांव, पोंडा, शिरोडा और मर्मुगोवा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी ने कांडकोर, मडकाई और म्हापसा के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में भंडारी समुदाय के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

गोवा में जातिवार मतदाताओं की संख्या

गोवा में सबसे ज्यादा 65% हिंदू मतदाता हैं. इसके बाद ईसाई मतदाताओं की संख्या 30 फीसदी है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बहुत कम 2.81 प्रतिशत है. अन्य धर्मों की जनसंख्या 2.19 प्रतिशत है. हालांकि हिंदू मतदाताओं में 19 अलग-अलग जातियां शामिल हैं. जिसमें ओबीसी समुदाय की हिस्सेदारी 30 से 40 फीसदी है.

कुल मतदाताओं में ओबीसी महत्वपूर्ण

गोवा में मतदाताओं की कुल संख्या 1111692 (2017) है. इनमें ओबीसी समुदाय के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. गोवा में भंडारी को हिंदू समाज का सबसे बड़ा अंग माना जाता है. ओबीसी समुदाय का दबदबा देखकर अब राजनीतिक दल अपना गणित करने लगे हैं. जिसमें आप सबसे आगे है और उसने भंडारी समुदाय के उम्मीदवार अमित पालेकर को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है.

अभी तक भंडारी सीएम कम रहे

हालांकि कुल मतदाताओं में सबसे ज्यादा मतदाता भंडारी समुदाय के हैं, लेकिन कहा जाता है कि इस समुदाय के विधायक को मुख्यमंत्री के तौर पर बहुत कम मौके मिले हैं. वरिष्ठ पत्रकार किशोर नाइक गावकर ने कहा कि रवि नाइक 28 साल पहले मुख्यमंत्री बनने वाले भंडारी समुदाय के एकमात्र उम्मीदवार थे. ओबीसी की लगभग 19 उपजातियां हैं. भंडारी समुदाय सबसे बड़ा कारक है. हालांकि इस समुदाय को अभी भी ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है. गोवा में जाति की राजनीति ज्यादा नहीं की गई है इसलिए कोई भी इन मुद्दों को बहुत गंभीरता से नहीं लेता.

जाति की राजनीति नहीं समाज की राजनीति है: पालेकर

आप के भंडारी समाज प्रत्याशी अमित पालेकर ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने के बाद कहा कि आम आदमी पार्टी ने भंडारियों के विकास के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. हालांकि गोवा की राजनीति में बहुजन समाज को ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिला. उनकी बड़ी संख्या के बावजूद उन्हें सत्ता में उचित हिस्सा नहीं मिला. इसलिए आम आदमी पार्टी ने भंडारी समाज के उम्मीदवार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है. अमित पालेकर ने दावा किया है कि यह जाति की राजनीति नहीं बल्कि पिछड़े समुदायों के लिए प्रतिनिधित्व हासिल करने की राजनीति है.

जातीय गणित पर होंगे चुनाव

गोवा ने इससे पहले कभी भी जातीय गणित पर चुनाव नहीं लड़ा है. पहली बार यह चुनाव जातीय गणित पर होने की संभावना है. आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा भंडारी समुदाय से सीएम चेहरा घोषित होने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी भंडारी नेताओं को सामने रखने का विचार अपनाया है. कांग्रेस और राकांपा ने कुछ ओबीसी समुदायों के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. गोवा में भंडारी समुदाय सबसे बड़ा है. वरिष्ठ पत्रकार गुरुदास सावल ने बताया कि करीब 18 निर्वाचन क्षेत्रों में भंडारी समुदाय का दबदबा है. गोवा में ओबीसी की 18 उपजातियां हैं और उनमें भंडारी समुदाय सबसे बड़ा है. उसके बाद, खारवा समुदाय और फिर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की संख्या 12 प्रतिशत है.

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किसी दल ने ओबीसी नहीं माना: नायको

गोवा में बड़ी संख्या में ओबीसी का दबदबा है. हालांकि गोवा की आजादी के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने ओबीसी समुदाय को प्राथमिकता नहीं दी है. सभी राजनीतिक दलों ने ओबीसी समुदाय का इस्तेमाल किया. ऐसी स्थिति में आप नेता अरविंद केजरीवाल ने मुझे ओबीसी समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए हमारी भावनाओं को समझने के लिए बुलाया और ओबीसी समुदाय को प्रतिनिधित्व देने का वादा किया. गोमांतक भंडारी समुदाय के अध्यक्ष अशोक नाइक ने कहा कि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भंडारी समुदाय उस पार्टी का समर्थन करना चाहता है जो समुदाय को अधिकतम प्रतिनिधित्व प्रदान करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि गोवा में ओबीसी समुदाय में भंडारी जाति का अनुपात 60 प्रतिशत है.

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