कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता सुष्मिता देव ने असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ के एक वर्ग पर भाजपा के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य और पूर्वोत्तर में विपक्ष की जगह खाली है जिसे उनकी नई पार्टी भर सकती है.
देव कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में से एक थी और उसकी महिला इकाई की प्रमुख थीं . वह पिछले हफ्ते टीएमसी में शामिल हो गईं. उन्हें लगता है कि उनका टीएमसी में शामिल होना राष्ट्रीय स्तर पर दोनों दलों के बीच गठबंधन के आड़े नहीं आएगा क्योंकि 'राजनीति कोई ख़ैरात का मामला नही है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी अन्य दलों के लोगों को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है.
देव ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा, 'यह वास्तव में मेरे तीस साल के राजनीतिक करियर में एक बड़ा बदलाव और कदम है. राजनीति प्रासंगिक रहने और लोगों की सेवा करने के बारे में भी है. कांग्रेस ने पार्टी के अधिक हित में जो कुछ फैसले लिए, उनका उस क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जहां से मैं आती हूं. मुझे लगा था कि अगर हम 2021 का (असम का) चुनाव हार गए, तो हमारे पास मतदाताओं से हमें फिर से वोट देने के लिए कहने का मुंह नहीं रहेगा.'
असम के सिलचर से कांग्रेस की पूर्व सांसद ने असम और पूर्वोत्तर में भाजपा के खिलाफ लड़ने के कांग्रेस और एआईयूडीएफ जैसे विपक्षी दलों के 'इरादे' पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, 'हमने भाजपा को हराने के लिए असम में गठबंधन किया. लेकिन मनोबल गिराने वाली बात यह थी कि हमारे चुनाव हारने के बाद कांग्रेस, एआईयूडीएफ और कुछ अन्य विपक्षी दलों के कई नेता मुख्यमंत्री की तारीफ करने लगे. इन विपक्षी दलों के नेताओं के एक वर्ग ने (असम के मुख्यमंत्री) हिमंत बिस्व सरमा के साथ सांठगांठ की हुई है.'
देव ने कहा, 'मेरा सवाल है कि अगर मुख्यधारा के विपक्षी दलों ने ही भाजपा से हाथ मिला लिया है तो असम में विपक्ष कहां बचा. भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध कौन करेगा?'
यह उल्लेख करते हुए कि असम और पूर्वोत्तर में कांग्रेस का पुनरुद्धार एक कठिन काम है, देव ने कहा, 'कुछ हार ऐसी होती हैं जिन के बाद आप उबर सकते हैं और अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं, और कुछ हारें ऐसी होती हैं जिनके बाद वापसी करना मुश्किल होता है.'