दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड : बूढ़ा मद्महेश्वर धाम की चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी, नजारे देखते रह जाएंगे

द्वितीय केदार के नाम से प्रसिद्ध मद्महेश्वर धाम के शीर्ष पर बूढ़ा मद्महेश्वर भगवान बसे हुये हैं. यहां बर्फबारी शुरू हो गई है. यहां की चोटियां बर्फ से ढक गई हैं, जिससे यहां का नजारा और मनमोहक हो गया है.

rudraprayag
rudraprayag

By

Published : Sep 13, 2021, 5:59 PM IST

रुद्रप्रयाग :बूढ़ा मद्महेश्वर धाम की चोटियों पर बर्फबारी शुरू हो गई है. यह सीजन की पहली बर्फबारी है. बर्फबारी के बाद से यहां का नजारा और खूबसूरत हो गया है. बता दें, पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात मद्महेश्वर धाम के शीर्ष पर बूढ़ा मद्महेश्वर भगवान बसे हुये हैं. बूढ़ा मद्महेश्वर के तीन ओर का हिस्सा मखमली बुग्यालों से और एक तरफ का भूभाग भोजपत्रों से आच्छादित है. बूढ़ा मद्महेश्वर धाम में ऐडी, आछरियों और वनदेवियों का वास माना जाता है.

भगवान मद्महेश्वर की पूजा-अर्चना के बाद बूढ़ा मद्महेश्वर की पूजा करने का विधान है. बूढ़ा मद्महेश्वर के ऊपरी हिस्से से कई पैदल ट्रैक निकलते हैं, जिनसे साहसिक पर्यटक समय-समय पर पदयात्रा कर प्रकृति के अनमोल खजाने से रूबरू होते हैं. मद्महेश्वर धाम से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बूढ़ा मद्महेश्वर धाम पहुंचा जा सकता है.

बूढ़ा मद्महेश्वर धाम की चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी

बूढ़ा मद्महेश्वर धाम से चौखम्बा व हिमालय की चमचमाती सफेद चादर को अति निकट से देखा जा सकता है. बूढ़ा मद्महेश्वर धाम के तीन ओर सुरम्य मखमली बुग्यालों का विस्तार है. इन दिनों बूढ़ा मद्महेश्वर का दृश्य देखते ही बन रहा है. बूढ़ा मद्महेश्वर की सभी पर्वत श्रृंखलाएं बर्फ से ढकी हैं.

ऐसे पहुंचे बूढ़ा मद्महेश्वर

पर्यटक प्रकृति की हसीन वादियों के अलावा हिमालय को निकट से निहारने के लिये बूढ़ा मद्महेश्वर पहुंच सकते हैं. पर्यटकों को रुद्रप्रयाग से ऊखीमठ और ऊखीमठ से रांसी तक 60 किलोमीटर का सफर वाहन से तय करना होगा. रांसी से बूढ़ा मद्महेश्वर तक लगभग 20 किलोमीटर का पैदल ट्रैक है.

पढ़ेंःप्रधानमंत्री के अलीगढ़ आने के क्या हैं सियासी मायने, एक तीर से साधेंगे कई निशाने !

ABOUT THE AUTHOR

...view details