नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने वन हैंडबैग नियम लागू करने के विषय पर एयरलाइनों को परिपत्र जारी किए हैं और इनका पालन किया जा रहा है. लोकसभा में ए के पी चिनराज के पूछा था कि क्या यह सच है कि कोई भी विमानन कंपनी घरेलू उड़ानों में केबिन के भीतर वन हैंडबैग नियम का कार्यान्वयन नहीं कर रही है और अगर ऐसा है तो इसके क्या कारण है ?
सिंधिया ने कहा कि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने वन हैंडबैग नियम लागू करने के लिए 24 फरवरी 2000 को परिपत्र जारी किया था. इसके अनुसार, किसी भी यात्री को विमान में साथ ले जाने के लिये एक बैग से अधिक ले जाने की अनुमति नहीं है. मंत्री ने कहा कि बाद में विमान में साथ ले जाने के लिये एक बैग के साथ कुछ अन्य मदों में भी अनुमति दी गई. उन्होंने बताया कि इसमें महिलाओं का हैंडबैग, एक ओवरकोट या एक ऊनी चादर या कंबल, एक कैमरा या 1 जोड़ी दूरबीन, उड़ान के दौरान पढ़ने के लिए उचित मात्रा में पाठ्य सामग्री, छाता या चलने में सहायक छड़ी, शिशुओं के लिए उड़ान के दौरान उपयोग वाली खाद्य सामग्री, बच्चों को ले जाने वाली टोकरी (बशर्ते इसमें बच्चे को ले जाया जा रहा हो), बैसाखी आदि शामिल है.
सिंधिया ने कहा कि इसके अलावा 11 मई 2000 को जारी परिपत्र में विमान में साथ ले जाने के लिये एक बैग के साथ एक अतिरिक्त सामग्री के रूप में एक लैपटॉप ले जाने की भी अनुमति दी गई. नागर विमानन मंत्री ने कहा कि एयरलाइनों द्वारा नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के 24 फरवरी 2000 और 11 मई 2000 के परिपत्र के अनुरूप दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है. एयरलाइनों ने अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से इस नियम का व्यापक प्रचार किया है. उन्होंने कहा कि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने 12 जनवरी 2022 की बैठक में एयरलाइन परिचालकों को इन नियमों से अवगत कराया है.
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