नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने दिल्ली हवाई अड्डा संचालक 'डायल' को नए यात्रा दिशा-निर्देशों के लागू होने के बाद यात्रियों द्वारा टर्मिनल पर अव्यवस्था और भीड़-भाड़ बढ़ने की शिकायत के बाद भीड़ प्रबंधन की बेहतर रणनीति (better crowd management at airports) को लागू करने का सोमवार को निर्देश दिया. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप (Omicron form of corona virus) को लेकर चिंताओं के बीच केंद्र ने दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों के लिए एक संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया था, जो एक दिसंबर से लागू हुआ. अधिकारियों ने कहा कि मंत्री ने सोमवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, आव्रजन ब्यूरो और जीएमआर समूह के नेतृत्व वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के अधिकारियों के साथ बैठक की.
दिल्ली हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर जांच करने वाली एकमात्र प्रयोगशाला जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक्स के अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. अधिकारियों ने कहा कि बैठक में मंत्री ने डायल को भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर रणनीति लागू करने का निर्देश दिया.
नए यात्रा नियमों के लागू होने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे (Delhi airport) की स्थिति के बारे में एक ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने शनिवार को कहा था, 'जैसा कि मैंने आशंका जताई थी और आगाह किया था...हवाई अड्डों पर भीड़-भाड़ है और भ्रम की स्थिति है.'
दिल्ली हवाई अड्डे पर लंबी कतारों की तस्वीरें (Photos of long queues at Delhi airport) साझा करते हुए एक अन्य ट्विटर प्रयोक्ता ने शुक्रवार को कहा था, 'कर चुकाए गए, हवाई अड्डे के शुल्क का भुगतान किया गया. काफी भीड़ है, लेकिन उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. एक घंटे की उड़ान की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए लगभग तीन घंटे कतार में रहने की जरूरत है.'
डायल ने शनिवार को कहा था कि जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए 20 समर्पित काउंटर बनाए गए हैं और अनिवार्य कोविड-19 जांच के संबंध में प्री-बुकिंग की व्यवस्था की गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 30 नवंबर को जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होगा और दूसरे देशों से आने वाले दो फीसदी यात्रियों का भी औचक आधार पर जांच करानी होगी. दिशा-निर्देशों के अनुसार यात्रियों को हवाईअड्डे से निकलने या आगे की उड़ान लेने से पहले नतीजों का इंतजार करना होगा.