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किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं यह चुनाव, स्पेशल 16 तय करेंगे सिंधिया का राजनीतिक कद

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 10:56 PM IST

Scindia & Special 16 Connection in MP: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. कहा जा रहा है इस चुनाव में स्पेशल 16 सियासत में सिंधिया का राजनीतिक कद तय करेंगे. पढ़िए भोपाल से बृजेंद्र पटेरिया की यह रिपोर्ट.

MP Election 2023
दांव पर साख

भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा का यह चुनाव सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस ही नहीं, बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए असली अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. 3 दिसंबर को आने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों में ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक करियर को स्पेशल 16 प्रभावित करेंगे. यह स्पेशल 16 वह प्रत्याशी हैं, जो ज्योतिरादित्य के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यह विधानसभा चुनाव न सिर्फ इन सिंधिया समर्थक प्रत्याशियों बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी अग्निपरीक्षा साबित होगी. इस चुनाव से उनका स्ट्राइक रेट बेहतर हुआ तो पार्टी में उनका वजन और बढ़ेगा.

सिंधिया के बेहद खास हैं यह स्पेशल 16: केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के यह स्पेशल 16 बेहद करीबी माने जाते हैं. इनमें गोविंद सिंह राजपूत उनके सबसे करीबी नेता माने जाते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी का गठन किया, तो सागर में रैली के दौरान उनका झंडा उठाने वालों में सबसे पहले गोविंद सिंह राजपूत थे. इसके बाद उन्होंने सिंधिया परिवार को नहीं छोड़ा. सिंधिया से ऐसा ही जुड़ाव तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेन्द्र सिंह सिसोदिया जैसे नेताओं का रहा है.

इमरती देवी बीजेपी प्रत्याशी

यही वजह है कि 2020 में उलटफेर के दौरान बैंगलोर से जारी हुई फोटो में यही समर्थक नेता अपना इस्तीफा दिखाते दिखाई दे रहे थे. विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने सिंधिया समर्थक ऐसे 16 नेताओं का चुनाव मैदान में उतारा है.

इन समर्थक नेताओं की हार-जीत डालेगी असर:बीजेपी ने सिंधिया समर्थक महेन्द्र सिंह सिसोदिया को बमोरी, इमरती देवी को डबरा, जजपाल सिंह जज्जी को अशोकनगर, सुरेश धाकड़ को पोहरी, गोविंद सिंह राजपूत को सुरखी, प्रभुराम चौधरी को सांची, राज्यवर्धन सिंह को बदनावर, तुलसीराम सिलावट को सांवेर, मनोज चौधरी को हाटपिपल्या, हरदीप सिंह डंग को सुवासरा, बृजेन्द्र सिंह यादव को मुंगावली, बिसाहूलाल सिंह को अनूपपुर, कमलेश जाटव को अम्बाह, प्रद्युम्न सिंह तोमर को ग्वालियर, रघुराज कंसाना को मुरैना, ऐंदल सिंह कंसाना सुमावली से चुनाव मैदान में हैं.

बीजेपी प्रत्याशी तुलसी सिलावट

2020 में हुए उपचुनाव में डबरा से इमरती देवी, सुमावली से ऐंदल सिंह कंसाना और मुरैना से रघुराज सिंह कंसाना चुनाव हार गए थे, लेकिन सिंधिया समर्थक इन नेताओं को बीजेपी ने इस बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है. हालांकि सिंधिया समर्थक 7 नेताओं को उपचुनाव में चुनाव जीतने के बाद भी पार्टी ने इस बार उन्हें चुनाव में नहीं उतारा. इनमें ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रक्षा सनोरिया, सुमित्रा देवी कास्डेकर को टिकट नहीं दिया. जबकि रणवीर जाटव, जसवंत जाटव और गिरिराज दंडौतिया उपचुनाव में चुनाव हार गए थे और इस चुनाव में भी इन्हें टिकट नहीं मिला है.

गोविंद सिंह राजपूता

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क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार:राजनीतिक जानकार अजय बोकिल कहते हैं कि '2020 में कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद उपचुनाव में भले ही सिंधिया समर्थक चुनाव जीत गए हों, लेकिन इन नेताओं और खासतौर से सिंधिया की परीक्षा का रिजल्ट 3 दिसंबर को सामने आएगा. यदि सिंधिया समर्थक अच्छी संख्या और मार्जिन से जीते तो यह साबित करेगा कि ग्वालियर चंबल इलाके में उनकी पकड़ पार्टी बदलने के बाद भी कमजोर नहीं हुई है. इससे उनका पार्टी में कद और मजबूत होगा.

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