एक ओर कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां चल रही हैं, वहीं कई राज्यों में स्कूल खोले जा रहे हैं. जबकि यह खुद हेल्थ एक्सपर्ट यह काफी दिनों से आगाह कर रहे हैं कि कोरोना ( COVID-19) की तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित होंगे. इस तीसरी लहर की शुरूआत भी अगस्त से होने की आशंका जताई जा रही है. तीसरी लहर की टाइमिंग को लेकर अभी सही स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. कई राज्यों ने 23 या 26 जुलाई से स्कूल खोलने का ऐलान किया है.
पैरेंट्स जान लें कि किन राज्यों में स्कूल खुलने वाले हैं
- दिल्ली सरकार ने फिलहाल स्कूल खोलने से इनकार कर दिया है.
- छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 अगस्त से क्लास 10 से 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है. फिलहाल क्लास में 50 फीसदी बच्चों को शामिल किया जाएगा.
- 26 जुलाई से पंजाब में कक्षा 10 वीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खुलने वाले हैं. अभी केवल सीनियर क्लास के लिए स्कूल खोले गए हैं जबकि अन्य क्लासेज़ के लिए 2 अगस्त से स्कूल खोले जा सकते हैं.
- ओडिशा सरकार ने कोरोना वायरस के कारण महीनों से बंद स्कूलों को 26 जुलाई से दोबारा खोलने का निर्णय लिया है.
- झारखंड, असम, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, तेलंगाना में स्कूल पूरी तरह से बंद हैं.
- हरियाणा में 9वीं से 12वीं के स्कूल 16 जुलाई से खुल चुके हैं और 6 से 8वीं तक के स्कूल 23 जुलाई से खुलेंगे.
- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में स्कूल सिर्फ शिक्षकों के लिए खुले हैं. इसके अलावा स्कूल से जुड़े अन्य कर्मचारियों को भी बुलाया जा रहा है.
- 26 जुलाई से ही मध्यप्रदेश में स्कूल खुल जाएंगे. वहां सिर्फ 11वीं और 12वीं की क्लासेज शुरू होंगी. 5 अगस्त से क्लास 9 और 10 की पढ़ाई शुरू होगी. मुख्यमंत्री ने पहले 50 पर्सेंट अटेंडेंस के साथ स्कूल खोलने की हिदायत दी है.
- बिहार में 7 जुलाई से 11वीं और 12वीं की कक्षाएं, 50 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ शुरू हैं. 6 अगस्त के बाद अन्य क्लासेज के लिए विचार किया जाएगा.
- गुजरात में भी 11वीं 12वीं के स्कूल खुल चुके हैं.यहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य किया गया है
- पुडुचेरी में 16 जुलाई से स्कूलों को फिर से खोला जाना था. मगर 20 बच्चों के संक्रमित होने के बाद प्रदेश सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला टाल दिया
अब विमर्श का विषय यह है कि क्या तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूल खोलना सही है. आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव मंगलवार को कहा कि शुरुआत में प्राइमरी स्कूल ले जा सकते हैं क्योंकि छोटे बच्चों में वयस्कों की तुलना में संक्रमण होने का खतरा कम है. न्यूज चैनल आजतक को पब्लिक हेल्थ पॉलिसी एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहारिया ने स्कूलों को खोलने की वकालत की . इसके अलावा एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया का भी मानना है कि स्कूल खोले जाने चाहिए.
एक्सपर्ट के तर्क, स्कूल खोलना क्यों जरूरी है
- स्कूल नहीं खुलने से बच्चों की सीखने की प्रक्रिया दोगुनी स्पीड से धीमी हो गई है. यानी करीब डेढ़ साल से बच्चों को वह प्रॉपर ज्ञान नहीं मिला, जो उनके पर्सनैलिटी के विकास के लिए जरूरी है.
- दुनिया के 170 देशों के स्कूल आंशिक या पूर्ण रूप से खुले हैं, सिर्फ भारत में कोविड की तीसरी लहर के खतरों को देखते हुए स्कूल बंद हैं. जहां स्कूल खुले हैं, वहां बच्चों में कोविड संक्रमण की दर नहीं है या बहुत कम है.
- डॉ. रणदीप गुलेरिया मानते हैं कि भारतीय बच्चों की इम्यूनिटी अच्छी है. दो से 11 साल तक के बच्चों को खतरा बहुत कम है. अब तक भर्ती किए गए मामलों में, 0-18 वर्ष के बच्चों का अनुपात पहली और दूसरी लहर में 2-5% के बीच था.
- आईसीएमआर के अनुसार, भारत में 60 पर्सेंट से ज्यादा लोगों को कोविड 19 संक्रमण हो चुका है. इसमें 50 से 55 प्रतिशत बच्चे भी शामिल हैं. बच्चों में मृत्यु दर 1.2 प्रतिशत ही रही. यह चिंता का विषय नहीं है.
- हाल में किए सीरो सर्वे के अनुसार 6 से 9 वर्ष के 57 पर्सेंट और 10 से 17 वर्ष के 62 पर्सेंट बच्चों में एंटीबॉडी मिली है. यानी अब बच्चों में गंभीर संक्रमण का खतरा कम है.
- कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों को सुपर स्प्रेडर और साइलेंट स्प्रेडर कहा गया था. बताया गया था कि बच्चे एसिम्टेमैटिक कैरियर ( asymptomatic carrier) हैं. उनके संपर्क में आने के कारण कोरोना बेकाबू हो गया. मगर अब तक स्टडी में बच्चे कोरोना फैलाने के जिम्मेदार नहीं निकले.