दिल्ली/जयपुर :कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के बाद दिल्ली और राजस्थान में आज से दोबारा स्कूल खुल गए हैं. राज्य सरकारों ने इसके लिए स्कूलों को विस्तृत गाइडलाइन (SOP) जारी की है, जिनमें मास्क लगाना अनिवार्य रूप से शामिल है.
दिल्ली में स्कूल चले बच्चे
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए 18 जनवरी से स्कूल खोलने की अनुमति दी थी. दिल्ली सरकार ने अपनी गाइडलाइन में साफ किया है कि बच्चे अपने माता-पिता की सहमति से ही स्कूल आएंगे. राजधानी दिल्ली में दस महीनों से बंद होने के बाद आज से स्कूल खुल गए हैं. हालांकि अभी सिर्फ 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए ही क्लासेस शुरू हो पाई हैं. ऐसे में इस दौरान कड़े दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है. इसे लेकर ही रविवार को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने वरिष्ठ शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी.
दिल्ली में आज 10 महीने बाद खुले स्कूल इन दिशा निर्देशों का हो रहा है पालन
छात्रों की सुरक्षा के लिए जो गाइडलाइंस जारी की गई हैं उसके अनुसार, स्कूल कैंपस में कोरोना के लक्षण वाले किसी बच्चे/स्टाफ को आने की इजाजत नहीं होगी. एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी. स्कूल के एंट्रेस, क्लासरूम, लैब्स और पब्लिक यूटिलिटी वाली जगहों पर हैंड सैनिटाइजेशन का प्रबंध अनिवार्य है. केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूल ही खुलेंगे.
दिल्ली में स्कूल पहुंचे बच्चे खास पढ़ाई के लिए ही बुलाया जाएगा स्कूल
दिल्ली सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, पूरे समय के लिए स्कूल नहीं खोले जाएंगे, बल्कि 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को अहम पढ़ाई-तैयारी के लिए ही बुलाया जाएगा. जाहिर है कि सिर्फ कुछ घंटे के लिए ही स्कूलों को खोला जाएगा.
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया छात्रों से मिले 12-15 छात्रों को क्लास में बैठने की इजाजत
छात्रों की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा. इसके लिए एक क्लास में सिर्फ 12 से 15 छात्रों को ही बैठाया जाएगा. इस दौरान सभी छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा.
दिशा निर्देशों के साथ खुले स्कूल नये पैटर्न के साथ खुले स्कूल
बच्चे अपने किसी भी प्रकार के संदेह या फिर परेशानी को शिक्षकों से बात कर हल कर सकते हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार ने एक नये पैटर्न के साथ स्कूल खोलने के लिये हामी भरी है. जैसे- हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे. साथ ही प्रत्येक छात्र मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करेंगे आदि. पढ़ें : जयपुर की अनन्या पीएम बॉक्स में बैठकर देखेंगी गणतंत्र दिवस परेड
राजस्थान में कुछ नियमों के साथ खुले स्कूल के दरवाजे
कोरोना काल में स्कूलों पर कई महीने से लटके ताले आज खुल गए हैं. राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि राज्य सरकार की 18 जनवरी से कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए विद्यालय खोलने की अनुमति के तहत स्कूलों में कोरोना नियमों का पूरा ध्यान रखा जायेगा. फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूल बुलाने की गाइड लाइन सरकार ने जारी की है. इनमें भी एक दिन में आधे विद्यार्थियों को बुलाने के ही निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे में अधिकांश स्कूलों में रोल नंबर के अनुसार विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने के दिन तय किए गए हैं.
विद्यार्थी माता-पिता की अनुमति से ही स्कूल आ पाएंगे. वहीं मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह 18 जनवरी से 22 जनवरी के बीच स्कूलों में भ्रमण कर कोरोना बचाव संबंध गाइडलाइन का पालन कराना सुनिश्चित करें. सभी शिक्षण संस्थाओं को हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
स्कूलों ने की तैयारियां
- सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार स्कूल प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां कर ली हैं.
- लंबे समय से स्कूल बंद रहने के कारण पानी के टैंक को खाली करवाकर साफ करवाया गया है
- कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल भवनों को भी सेनेटाइज किया गया है।
- कमरों में भी पर्याप्त दूरी के साथ बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है
- सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है
मॉनिटरिंग के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाए, अलग-अलग टीमें करेंगी मॉनिटरिंग
स्कूलों में गाइड लाइन की पालना हो रही है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी बनाए गए हैं. शिक्षा विभाग के साथ ही कलेक्ट्रट की टीमें भी मॉनिटरिंग करेंगे. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए सोमवार को फील्ड में रहने के निर्देश जारी किए गए हैं.
गृह विभाग और बाल संरक्षण आयोग ने जारी की गाइडलाइन
स्कूल खोलने को लेकर गृह विभाग ने विशेष गाइड लाइन जारी की है. गृह विभाग की ओर से कोचिंग संस्थानों के लिए जारी एसओपी के मुताबिक, कंटेंनमेंट जोन्स के बाहर की विद्यार्थी अपने परिजनों की लिखित सहमति से स्वैच्छित रूप से कोचिंग में जा सकेंगे. ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं. बाहरी राज्यों से राज्य में आने वाले विद्यार्थियों को आने से 24 घंटे पहले आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा. रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही कोचिंग संस्थानों में दाखिला मिल सकेगा.
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रोज करनी होगी स्क्रीनिंग
कोचिंग में आने पर स्क्रीनिंग अनिवार्य की गई है. विद्यार्थियों के लिए उपस्थिति पर जोर नहीं दिया जाएगा. कोचिंगों को प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की सूचना संबंधित जिला कलेक्टर की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी को देनी होगी.
सैनिटाइज करना होगा भवन
कोंचिंग खोलने से पहले पूरे भवन, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी इत्यादि को सेनेटाइज करना होगा. हाथ धोने की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी. कोचिंग संस्थानों को विद्यार्थियों के आवागमन में इस्तेमाल करने वाले वाहनों को सेनेटाइज करना होगा. विद्यार्थियों को छह फीट की दूरी पर बैठाया जाएगा. साथ ही संस्थानों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वे प्रशिक्षित नर्स एवं चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे.
आधे घंटे का रखना होगा अंतराल
एक बैच और दूसरे बैच के बीच में आधे घंटे का अंतराल रखना होगा. दोनों बैचों के बीच भवन को सेनेटाइज करना होगा. मास्क लगाना अनिवार्य होगा. कोविड-19 दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वालों का ध्यान रखने के लिए संस्थान में कैमरों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं. कोचिंग संस्थानों के स्टॉफ और विद्यार्थियों को आरोग्य सेतु एप इंस्टाल करना होगा. कैंटीन काउंटर के सेनेटाइजेशन का ध्यान रखना होगा. विद्यार्थियों की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही उन्हें रोज एंट्री दी जाएगी.
अलग-अलग करना होगा भोजन
संस्थान के पीजी, हॉस्टल के लिए भी एसओपी जारी की गइ है. एक कमरे में सिर्फ एक ही विद्यार्थी को रखना होगा. बड़ा कमरा होने पर अस्थाई रूप से पार्टिशन करने होंगे. हॉस्टल्स में मैस व्यवस्था अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि विद्यार्थियों को बाहर से खाना नहीं मंगवाना पड़े. विद्यार्थी सामूहिक रूप से भोजन नहीं करके अलग-अलग भोजन करेंगे. साथ ही यह निर्देश भी जारी किए गए हैं कि एसओपी के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
स्कूलों के लिए भी जारी हुए निर्देश
सभी सरकारी और निजी स्कूलों भी कक्षा 9वीं से 12वीं तक शिक्षण के लिए शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार खोले जा सकेंगे. कक्ष में छात्रों की उपस्थिति कक्ष की क्षमता की तुलना में आधी से ज्यादा नहीं होगी. सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालयें में अंतिम वर्ष की कक्षा ही शुरू हो सकेंगी. कक्षा पहली से आठ तक की नियमित कक्षा गतिविधियां आगामी आदेश तक फिलहाल बंद रहेंगी.