कोलकाता :पश्चिम बंगाल में कोविड-19 संकट की छाया लंबे विधानसभा चुनाव कार्यक्रम पर भी पड़ गई है. राजनीतिक दलों ने घोषणा की है कि वे चुनाव के शेष तीन चरणों में विशाल रैलियां नहीं करेंगे. साथ ही सोमवार को राज्य में सभी स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में सोमवार को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 8,426 मामले सामने आए और संक्रमण के चलते 38 लोगों की मौत हुई.
लॉकडाउन या रात्रि कर्फ्यू के पक्ष में नहीं ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार लॉकडाउन या रात्रि कर्फ्यू लगाने के पक्ष में नहीं है लेकिन उन्होंने सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने का आदेश दिया.
राज्य सरकार ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 20 अप्रैल से शुरू हो जाएगा.
आमतौर पर ग्रीष्मकालीन अवकाश मई के पहले हफ्ते से शुरू होता है. राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, 'सरकारी और वित्तपोषित स्कूलों में नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की कक्षाएं मध्य फरवरी से आरंभ हुई थीं लेकिन कोविड-19 संबंधी हालात को देखते हुए हम समय पूर्व ग्रीष्मकालीन अवकाश करने पर मजबूर हैं. शिक्षा विभाग इस बाबत आवश्यक अधिसूचना आज जारी करेगा.'
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों से भी यही करने का अनुरोध किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने एक अधिसूचना में कहा कि लू और मौजूद हालात को देखते हुए बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में 20 अप्रैल से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाएगा۔ अगले आदेश तक अवकाश जारी रहेगा.
मालदा में बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बंगाल में रात का कर्फ्यू हो सकता है कि कोई समाधान नहीं हो, जहां 'राजनीतिक प्रदूषण' को पहले रोकने की जरूरत है.