नई दिल्ली :शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है. इस संबंध में मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित मानकों के अनुसार, राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश यह तय कर सकते हैं कि छात्रों को शारीरिक कक्षाओं (offline Classes) में भाग लेने के लिए माता-पिता या अभिभावकों की सहमति की आवश्यकता है या नहीं. कोरोना की तीसरी लहर के बाद एक बार फिर कई स्कूल और कॉलेज कक्षाएं शुरू कर चुके है. जिसमें छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों में ऑफलाइन कक्षाओं में आने की अनुमति देने के लिए माता-पिता की सहमति होना जरूरी है.
स्कूली शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसन ने इस बारे में कहा कि संशोधित दिशा-निर्देशों में 'सोशल डिस्टेंसिंग' शब्द के स्थान पर 'फिजिकल डिस्टेंसिंग' शब्द का प्रयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कतार को प्रतिबंधित करने और स्कूल परिसर में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त दूरी के साथ विशिष्ट निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है.
दिशानिर्देशों में सीखने के परिणामों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे वर्ष के लिए गतिविधियों का एक व्यापक वैकल्पिक कैलेंडर बनाने की भी रूपरेखा तैयार की गई है. वहीं स्कूलों को फिर से खोलने और शिक्षकों और कर्मचारियों के टीकाकरण की स्थिति का उल्लेख करते हुए, चांगसन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, सिक्किम, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु सहित 11 राज्यों ने अब तक अपने स्कूल पूरी तरह से खोल दिए हैं. उन्होंने कहा कि 16 राज्यों ने आंशिक रूप से अपने स्कूल खोले हैं जबकि 9 राज्यों ने बंद स्कूलों को प्राथमिकता दी है.