दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एससीबीए ने प्रधान न्यायाधीश से शीर्ष अदालत के सभागार के इस्तेमाल की अनुमति मांगी

न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा के विदाई समारोह के लिए शीर्ष अदालत के सभागार के इस्तेमाल की अनुमति नही मिलने पर एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है 13 मार्च को सेवानिवृत्त हुईं न्यायमूर्ति मल्होत्रा के विदाई समारोह के लिए ऑडिटोरियम के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी गई.

एससीबीए
एससीबीए

By

Published : Mar 16, 2021, 8:39 PM IST

नई दिल्ली :न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा के विदाई समारोह के लिए शीर्ष अदालत के सभागार के इस्तेमाल की अनुमति नही मिलने के बाद उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उसे ऑडिटोरियम के इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए.

एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन को न्यायाधीश पद से 13 मार्च को सेवानिवृत्त हुईं न्यायमूर्ति मल्होत्रा के विदाई समारोह के लिए ऑडिटोरियम के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी गई.

सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में पूर्व के अप्पू घर की जगह बना ऑडिटोरियम संयुक्त रूप से न्यायाधीशों, शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री और एससीबीए के इस्तेमाल के लिए था.

उन्होंने कहा कि पूर्व में चर्चा की गई थी कि सभागार का इस्तेमाल एससीबीए और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा किया जाएगा, जिसमें एक व्यवस्था यह थी कि यदि समानांतर रूप से न्यायाधीशों और एससीबीए को इसकी जरूरत हो तो न्यायाधीशों को प्राथमिकता मिलेगी.

सिंह ने कहा कि हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि बाद में निर्णय किया गया कि प्रतिष्ठान का इस्तेमाल केवल उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए ही होगा जिसका मतलब है कि एससीबीए को किसी उद्देश्य के लिए ऑडिटोरियम के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है.

पढ़ें-गुजरात दंगा : मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई

उन्होंने कहा कि निर्णय पूरी तरह मनमाना है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. सिंह ने कहा, टयह भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऑडिटोरियम के इस्तेमाल की अनुमति देने से ऐसे समय इनकार किया गया जब एससीबीए न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा को विदाई दे रही थी.'

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत में बने प्रतिष्ठान के इस्तेमाल को लेकर बार को अजनबी समझना पूरी तरह मनमाना व्यवहार है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details